Bagwani Subsidy Yojana: किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उद्यानिक फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार क्लस्टर में बागवानी योजना चला रही है. इस योजना के तहत किसानों को न्यूनतम 0.25 एकड़ और अधिकतम 10 एकड़ भूमि पर अमरूद, आंवला, नींबू, बेल, लेमनग्रास, पपीता, गेंदा फूल, ड्रैगन फ्रूट एवं स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए अनुदान दिया जाएगा.
अमरूद, आंवला, नींबू, बेल, लेमनग्रास, पपीता एवं गेंदा फूल के लिए प्रति एकड़ अधिकतम 1 लाख रुपये तथा स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट के लिए प्रति एकड़ अधिकतम 2 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा.
किसानों को यह अनुदान दो किस्तों में दिया जाएगा, जिसमें पहली किस्त 65% और दूसरी किस्त 35% होगी. इस योजना के तहत गेंदा फूल, स्ट्रॉबेरी और पपीता की खेती का लाभ गैर रैयत यानी बटाईदार किसानों को भी मिलेगा, जिसके लिए उन्हें एकरारनामा जमा करना अनिवार्य होगा.
किन किसानों को मिलेगा लाभ?
बिहार सरकार की इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ नियम और शर्तें निर्धारित की गई हैं. इच्छुक किसानों को कम से कम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 10 एकड़ (4 हेक्टेयर) भूमि पर चयनित फसलें उगानी होंगी. यदि कोई गैर रैयत यानी बटाईदार किसान योजना का लाभ लेना चाहता है, तो उसे निर्धारित प्रारूप में एकरारनामा प्रस्तुत करना होगा.
इसके अलावा, जिन किसानों के नाम भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र या राजस्व रसीद में स्पष्ट नहीं होंगे, उन्हें वंशावली प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा. योजना के तहत सभी श्रेणियों में न्यूनतम 30% महिला किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे उन्हें उद्यानिक खेती से आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल सके.
कैसे मिलेगा अनुदान?
क्लस्टर में बागवानी योजना का अनुदान किसानों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली के माध्यम से सीधे बैंक खाते में भेजा जाएगा. किसानों को आवेदन करने से पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका बैंक खाता DBT में पंजीकृत है और सभी विवरण सही हैं.
आवेदन में कोई भी त्रुटि पाए जाने पर उसे अस्वीकृत कर दिया जाएगा और कारण ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कर दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त, लाभार्थियों का चयन कोटिवार 78.56:20.00:1.44 के अनुपात में किया जाएगा, जिससे सभी श्रेणियों के किसानों को उचित प्रतिनिधित्व मिले.
आवेदन प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज
किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
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भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र/राजस्व रसीद/एकरारनामा (बटाईदार किसानों के लिए)
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आधार कार्ड
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बैंक पासबुक की प्रति
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पासपोर्ट साइज फोटो
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यदि जमीन का स्वामित्व स्पष्ट नहीं है तो वंशावली प्रमाण पत्र
महिला किसानों को प्राथमिकता
इस योजना के तहत महिला किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है. सभी कोटियों में न्यूनतम 30% महिला किसानों के चयन का प्रावधान है. सरकार का उद्देश्य महिलाओं को कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकें.
इसके अलावा, सरकार छोटे और सीमांत किसानों को भी इस योजना के तहत प्राथमिकता दे रही है, ताकि वे भी आधुनिक उद्यानिक खेती से अपनी आय बढ़ा सकें.
किसानों के लिए बड़ा अवसर
बिहार सरकार की इस योजना से राज्य में बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ेगा, जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी. अमरूद, आंवला, नींबू, बेल, लेमनग्रास और पपीता जैसी फसलें कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली होती हैं, जबकि स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों को उच्च बाजार मूल्य दिला सकती है. क्लस्टर में बागवानी करने से न केवल उत्पादन लागत कम होगी बल्कि आधुनिक तकनीक के उपयोग से उत्पाद की गुणवत्ता भी बेहतर होगी.