हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी इलाका है, जहां जंगली जानवरों का आना-जाना अक्सर बना रहता है. इससे किसानों के लिए खेती में काफी नुकसान होता है. किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना संचालित की है.
इसके तहत किसानों को सौर ऊर्जा चालित बाड़ लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है. इस योजना के प्रति किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
4669 हेक्टेयर बंजर भूमि में लहलहा रही फसलें (Crops Growing In 4669 Hectares Of Barren Land)
आपको बता दें कि इस योजना के तहत राज्य में अब तक 4669 हेक्टेयर बंजर भूमि (Barren Land ) में फसलें उगाकर सफलता हासिल की है. ऐसे में यह योजना किसानों के लिए वरदान (Scheme Boon For Farmers) साबित हो रही है. बेसहारा व जंगली जानवरों के प्रकोप से खेती से किनारा कर रहे किसान फिर से खेतों की ओर रुख कर रहे हैं. इतना ही नहीं, इस योजना से किसानों को अपनी फसलों की पूरी सुरक्षा मिल रही है.
क्या है मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना (What Is Chief Minister's Farm Protection Scheme)
इस योजना के तहत किसानों को जंगली और आवारा जानवरों से सुरक्षा (Protection From Wild And Stray Animals ) हेतु उनके खेतों में सौर ऊर्जा चालित बाड़ लगाने के लिए सब्सिडी दी जाती है. इसमें व्यक्तिगत स्तर पर सौर ऊर्जा बाड़ लगाने के लिए 80 फीसद और समूह आधारित बाड़ के लिए 85 फीसद सब्सिडी दी जाती है. वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश सरकार ने किसानों की मांग को देखते हुए कांटेदार तार अथवा चेनल बाड़ लगाने के लिए 50 फीसद उपदान और कम्पोजिट बाड़ लगाने के लिए 70 फीसद उपदान की सुविधा दी जाती है.
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ऐसे करें आवेदन (Apply Like This)
अगर आप हिमाचल प्रदेश के निवासी है, तो आप मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना में आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए आपको नजदीक के कृषि प्रसार अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी अथवा विषयवाद विशेषज्ञ (एसएमएस) और कृषि उपनिदेशक संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा विभाग के वृत्त, विकास खंड एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में आवेदन फार्म उपलब्ध रहते हैं. वहां से भी आवेदन पत्र प्राप्त कर भर सकते हैं.