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Updated on: 7 December, 2018 12:00 AM IST
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कृषि से जुड़े उपकरणों तथा खाद,बीज,कीटनाशक आदि की खरीद के लिए किसानों को महाजनों और ज़्यादा दर वाले कर्जे पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार ने साल 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड योजना चालू की थी. इस स्कीम के तहत किसान अपनी जरूरत की चीजे खरीद सकता है और बाद में फसल बेचकर अपना लोन चुका सकता है.

केसीसी से किसानों को आसानी से लोन उपलब्ध हो जाता है. इस लोन से किसान खेती से सबंधित चीजे जैसे-खाद, बीज, कीटनाशक आदि खरीद सकता है. नाबार्ड और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मिलकर इस योजना की शरूआत की थी. योजना का लाभ किसी भी को-ऑपरेटिव बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण या पब्लिक सेक्टर के बैंकों से लिया जा सकता है.

कौन बनवा सकता है केसीसी?

इस स्कीम के तहत किसानों को लोन दिया जाता है. यदि कोई किसान 1 लाख या उससे ज्यादा का लोन लेता है तो किसानों को अपनी जमीन बैंकों के पस गिरवी रखनी होती है. इन पैसों का इस्तेमाल कृषक खेती से जुड़े उपकरणों, खाद, बीज इत्यादि की खरीद के लिए कर सकता है. अगर एक बार केसीसी बन जाती है तो यह पांच साल तक वैद्य होती है.

यदि किसान एक साल के अंदर ही लोन चुकाता है तो उसे ब्याज दर पर 3 फीसदी की छूट दी जाती है. इस नियम के तहत 3 -5 लाख तक का अल्पकालिक लोन भी लिया जा सकता है.

यह है खासियत

केसीसी से किसानों को खेती से संबंधित या अन्य कार्यों के लिए आसानी से लोन मिल जाता है. इसके साथ ही उन्हें इंश्योरेंस कवरेज और कुछ फसलों के लिए ऋण लेने पर कवरेज दिया जाता है. कीड़ों के हमले से या किसी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल खराब हो जाने की स्थिति में केसीसी स्कीम किसानों को प्रोटेक्शन देती है. कुछ मामलों में किसानों को कोलेटरल सिक्योरिटी भी दी जाती है.

प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण

English Summary: Card One-Benefits Multiple: Know the Benefits of Kisan Credit Card
Published on: 07 December 2018, 05:45 IST

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