Makhana Processing Unit Subsidy: देश में 85 फीसदी मखाने (Makhana) का उत्पादन सिर्फ बिहार में होता है. बिहार के मिथिलांचल मखाना को जीआई टैग (GI Tag) भी मिला हुआ है. मखाने की खेती के साथ राज्य सरकार मखाना प्रोसेसिंग पर जोर दे रही है. इसी कड़ी में मखाना प्रोसेसिंग यूनिट (Makhana Processing Unit) लगाने के लिए कैपिटल सब्सिडी (Capital Subsidy) की पेशकश की गई है. राज्य सरकार के इस कदम से मखाना प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर अच्छा पैसा कमा सकेंगे. लेकिन प्रोसेसिंग यूनिट नहीं होने की वजह से अधिक उत्पादन करने के बाद भी किसान को उतना अधिक मुनाफा नहीं होता है. ऐसे में बिहार की नीतीश सरकार ने मखाना उत्पादक किसानों की इनकम बढ़ाने की दिशा में ये बड़ा कदम उठाया है.
दरअसल, बिहार सरकार का मानना है कि मखाना उत्पादक राज्य होने के बावजूद भी बिहार के किसान उचित मुनाफा नहीं कमा पा रहे हैं. चूंकि फूड प्रोसेसिंग यूनिट के अभाव की वजह से किसान ओने-पौने दाम पर अपनी उपज को बेचने पर मजबूर हैं. यदि प्रदेश में मखाना प्रोसेसिंग यूनिट को बढ़ावा दिया जाए, तो किसानों की कमाई बढ़ जाएगी. साथ ही किसान आत्मनिर्भर भी बनेंगे. यही वजह है की सरकार ने किसानों को मखाना प्रोसेसिंग यूनिट पर सब्सिडी देने का फैसला लिया है. इसके लिए बिहार कृषि प्रोत्साहन नीति के तहत सरकार ने मखाना प्रोसेसिंग यूनिट को बढ़ाने की योजना बनाई है.
सब्सिडी के लिए ऐसे करें आवेदन
आप भी इस योजना का फायदा उठाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. योजना के तहत उन किसानों को सब्सिडी दी जाएगी, जो प्रोसेसिंग यूनिट लगाना चाहते हैं. सब्सिडी का लाभ उठाना के लिए आपको उद्यान निदेशालय की वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
अगर आप प्रोसेसिंग यूनिट खोलने के लिए व्यक्तिगत, पार्टनरशिप, समिति या किसी कंपनी के जरिए निवेश करना चाहते हैं, तो आपको 15 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी. जबकि, किसान उत्पादक कंपनियों के लिए सब्सिडी 25 प्रतिशत रहेगी. सब्सिडी का फायदा उठाने के लिए किसानों को समय पर आवेदन करना होगा. यदि किसान अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो वे जिला उद्यान अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.
इन जिलों में होती है खेती
बता दें कि बिहार का मखाना देश-दुनिया में प्रसिद्ध है. यही वजह है की मिथिला के मखाने को जीआई टैग भी मिला हुआ है. बिहार में मखाने की खेती सबसे अधिक दरभंगा, सुपौल, मधुबनी और समस्तीपुर जिले में की जाती है. मखाने के उत्पादन में बिहार की हिस्सेदारी 80 से 90 फीसदी की है. ऐसे में बिहार के किसान सरकार की इस योजना का फायदा उठा सकते हैं.