अच्छे फर्नीचर- कुर्सियों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली लकड़ी को प्राथमिकता दी जाती है. लकड़ी से कई प्रकार के उत्पाद बनाएं जाते हैं. घर में इस्तेमाल होने वाली छोटी से छोटी चीज और समुद्र के जहाजों में लकड़ी की आवश्यकता होती है. जिसे देखते हुए अब पेड़ों को भी कैश क्रॉप की गिनतियों में शामिल किया गया है. पेड़ों की खेती यदि बड़े पैमाने में की जाए तो इससे किसानों को अच्छा लाभ मिल सकता है, क्योंकि पेड़ लंबे वक्त तक उत्पादन देते हैं. इसी प्रकार से इन दिनों सागवान के पेड़ खूब चर्चा का विषय बन रहे हैं. खास बात यह कि सागवान के उत्पादन को बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार भी इसके लिए 100 फीसदी तक की सब्सिडी दे रही है.
सागवान के पेड़ों के लिए सब्सिडी
किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना चलाई है. जिसके अंतर्गत पेड़ों के कई किस्मों की खेती करने पर सब्सिडी दी जा रही है, जिसमें टिश्यु कल्चर बांस, टिशु कल्चर सागवान, मिलिया डुबिया, क्लोनल नीलगिरी, चंदन और कई अन्य नकदी पेड़ की किस्में शामिल हैं.
100 फीसदी की सब्सिडी
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत किसानों को तकरीबन 5 हजार पौधों के लिए 1000 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है. इसके अलावा यदि किसान 5 एकड़ से अधिक की जमीन पर खेती करना चाहते हैं तो उसके लिए राज्य सरकार द्वारा 50 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी.
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यदि किसान सागवान की खेती टिशु कल्चर विधि से करते हैं तो उसके लिए 25,500 रुपए की सब्सिडी सरकार की तरफ से दी जाएगी. हालांकि इसे 3 साल में 3 किस्तों के रूप में दी जाएगी.
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पहले साल में पहली किस्त के रूप में 11,500 रुपए दिए जाएंगे और ऐसे ही दूसरी और तीसरी किस्त में क्रमश: 7000 और 7000 रुपए का अनुदान मिलेगा.
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सब्सिडी देने के अलावा सरकार की तरफ से किसानों को सागवान के पौधे मुफ्त में उपलब्ध करवाए जाएंगे.
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इस योजना के पैसे सीधे लाभार्थीयों के खाते में हस्तांतरित होंगे.
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बता दें कि पौधा रोपण के बाद सरकार इस पर निगरानी रखेगी और जीवित पौधों के आधार पर ही सब्सिडी की दूसरी और तीसरी किस्त का लाभ मिलेगा.
किसे मिलेगा इस योजना का लाभ
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के अंतर्गत किसानों को 100 फीसदी सब्सिडी पाने के लिए खुद की जमीन होनी जरुरी है. साथ ही ग्राम पंचायत और पट्टे पर जमीन में खेती करने वाले किसान, ग्राम पंचायत और पट्टे पर जमीन, प्राइवेट शिक्षण संस्थाएं, सरकार से जुड़ी संस्थाएं इसका लाभ पा सकते हैं.
पेड़ों के लिए एमएसपी
बता दें कि इस योजना में सब्सिडी के साथ -साथ पेड़ों पर एमएसपी निर्धारित की गई है. जिसमें यदि किसान अपनी लकड़ियों को कहीं बाहर बेचने में अस्मर्थ होते हैं तो उसके लिए टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. जल्द सरकार इसको लेकर एमएसपी जारी करेगी. साथ ही पेड़ तैयार होने के बाद सरकार खुद इसकी छाल से लेकर लकड़ी को खरीदने के लिए आगे आएगी.
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कैसे करें आवेदन
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को अपने नजदीकी वन विभाग के कार्यालय से योजना का फॉर्म भरना होगा. तो वहीं जरुरी दस्तावेजों के तौर पर किसानों के पास आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, खाता-खतौनी, पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर होना जरूरी है.