सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 28 April, 2021 4:19 PM IST
Sweet Flag Farming

आधुनिक समय में कृषि क्षेत्र से जुड़े तमाम विकल्प उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से पारंपरिक खेती आसानी से करते हैं. अब सरकार भी किसानों को अलग-अलग फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है.

सरकार का प्रयास है कि नए प्रयोग के साथ पारंपरिक खेती करें. इससे किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी. अगर आप भी पारंपरिक खेती करते हैं और आपके पास बेकार जमीन भी पड़ी है, तो हम आपको एक ऐसी खेती के बारे में बताने जा रहे हैं. दरअसल, आप बच (वच) पौधा की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसकी खेती में लगभग 40 हजार रुपए की लागत लगेगी, जिससे आप लगभग 2 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं.

क्या होता है बच पौधा (What is the Sweet Flag Plant)

इसे अंग्रेजी में स्वीट फ्लैग कहा जाता है. यह एक एरेसी कुल का पौधा है, जिसका वानस्पतिक नाम एकोरस कैलमस है. इसके तने को राइजोम कहा जाता है. इस पौधे में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं.

कहां पाया जाता है बच का पौधा (Where is the Sweet Flag Plant)

यह पौधा मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और बिहार में ज्यादा पाया जाता है. यह सतपुड़ा और नर्मदा के किनारे वाले इलाकों में होता है. इसका पौधा नदी किनारे दलदली भूमि में बहुत होता है. बता दें कि बच के राइजोम का तेल स्वास रोग, बदहजमी, मूत्र रोग और दस्त रोग समेत  कई रोगों के लिए कारगर साबित है.

बच की खेती संबंधी जानकारी (Information on Sweet Flag Farming)

  • इसकी खेती के लिए बलुई दोमत मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है.

  • इसकी खेती से पहले सिंचाई की व्यवस्था कर लें.

  • खेती के लिए तापमान 10 डिग्री से 38 डिग्री तक उत्तम है.

  • इसके पौधे अत्यधिक गर्मी में बढ़ नहीं पाते हैं.

  • बच की खेती के लिए खेत को पहले से तैयार करना जरूरी है.

  • खेत की 2 से 3 बार जुताई कर लें.

  • भूमि को थोड़ी दलदली बना लें.

  • खेती के लिए इसके राइजोम का इस्तेमाल किया जाता है.

  • बुवाई के लिए प्लाटिंग में इस्तेमाल होने वाला राइजोम पुरानी फसल से ही मिलता है.

  • राइजोम को ऐसे जगह लगाएं, जहां की जमीन नम हो.

  • अंकुरण के बाद छोटे-छोटे टूकड़े की रोपाई की जाती है.

  • राइजोम को 30 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपा जाता है.

  • खेती में पानी की जरूरत ज्यादा पड़ती है.

  • बारिश में रोपाई कर देनी चाहिए.

  • अच्छी फसल के लिए गोबर खाद या कम्पोस्ट खाद डालना चाहिए.

  • इसकी फसल तैयार होने में 8 से 9 माह का समय लगता है.

  • जब इसकी पत्तिया पीली और सूखने लगें, तो पौधों को जड़ समेत जमीन से निकाल लिया जाता है.

  • इसके साथ ही राइजोम को नुकसान न पहुंचाने का ध्यान रखा जाता है.

  • मिट्टी से निकाले गए राइजोम को धोना नहीं होता है.

  • इसे छायादार जगह पर सूखाएं.

बच की खेती से कमाई (Income from Sweet Flag Farming)

एक एकड़ में एक लाख प्लांट लगा सकते हैं. इसका खर्च लगभग 40 हजार रुपए आता है और कमाई हर साल 2 लाख रुपए तक होती है. किसानों को काफी अच्छी कमाई हो सकती है. इसकी काफी मांग है. बता दें कि कुछ कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पर बच की खेती कराती हैं. दिल्ली, बेंगलुरु, हरिद्वार, टनकपुर और नीमच समेत देश की अन्य मंडियों में बच की खरीद-बिक्री बड़े स्तर की जाती है.

English Summary: earn profit from sweet flag farming
Published on: 28 April 2021, 04:25 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now