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श्रीलंका में धमाकों के बाद काली मिर्च के दाम में जबरदस्त तेजी आई

पिछले सप्ताह पड़ोसी देश श्रीलंका में हुए 9आत्मघाती धमाकों के बाद से पूरी दुनिया में तहलका मच गया है. जिसका सीधा असर व्यापार और किसानी पर भी पड़ा है. श्रीलंका में हुए धमाकों के बाद से देश में काली मिर्च के मांग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है जिसका सीधा असर उसके दामों पर दिखाई देने लगा है. दरअसल पिछले सप्लाह के अंदर ही काली मिर्च के दाम 350 रूपये प्रति किलोग्राम से अधिक हो चुके है. इनके दामों में और भी अधिक इजाफा होने की संभावना है क्योंकि आने वाले दिनों में पड़ोंसी देश से इसके आयात में कमी होने की संभावना है. घरेलू काली मिर्च उत्पादकों के अनुसार 2019 में दाम गिरकर 300 रूपये हो गए है जो कि वर्ष 2014 में 400 रूपये के आसपास रहे है. इससे पहले यह दाम कई साल से आसपास थे. इसके बाद वियतनाम से काली मिर्च आयात के कारणदामों में गिरावट आ रही थी. जैसे ही वियातनाम से काली मिर्च आई तो घरेलू दामों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ा है.

किशन

पिछले सप्ताह पड़ोसी देश श्रीलंका में हुए 9आत्मघाती धमाकों के बाद से पूरी दुनिया में तहलका मच गया है. जिसका सीधा असर व्यापार और किसानी पर भी पड़ा है. श्रीलंका में हुए धमाकों के बाद से देश में काली मिर्च के मांग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है जिसका सीधा असर उसके दामों पर दिखाई देने लगा है.  दरअसल पिछले सप्लाह के अंदर ही काली मिर्च के दाम 350 रूपये प्रति किलोग्राम से अधिक हो चुके है. इनके दामों में और भी अधिक इजाफा होने की संभावना है क्योंकि आने वाले दिनों में पड़ोंसी देश से इसके आयात में कमी होने की संभावना है. घरेलू काली मिर्च उत्पादकों के अनुसार 2019 में दाम गिरकर 300 रूपये हो गए है जो कि वर्ष 2014 में 400 रूपये के आसपास रहे है. इससे पहले यह दाम कई साल से आसपास थे. इसके बाद वियतनाम से काली मिर्च आयात के कारणदामों में गिरावट आ रही थी. जैसे ही वियातनाम से काली मिर्च आई तो घरेलू दामों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ा है.

काली मिर्च पर प्रभाव पड़ा

श्रीलंका से जो भी काली मिर्च आयात होती है उस पर काली मिर्च पर दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौते के तहत कुल  8% की दर से शुल्क लगता है, जबकि 2500 टन तक की मात्रा पर कोई भी शुल्क नहीं लगता है. यह पर शुल्क की दर भी अलग हिसाब से लगती है. श्रीलंका में काली मिर्च के व्यापारी 2500 डॉलर से 2800 डॉलर प्रति टन की दर से वियतनाम की काली मिर्च का निर्यात करते है. जो कि कम से कम 220 रूपये किलो तक बैठती है.

क्या कहते है कर्नाटक वाले

वैसे तो भारत में कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्य काली मिर्च के प्रमुख उत्पादक राज्य माने जाते है. इसीलिए कर्नाटक प्लांटर एसोसिऐशन के सदस्य और काली मिर्च के प्रमुख किसानों का कहना है कि जो भी काली मिर्च वियतनाम से आती है उसे मुख्य रूप से श्रीलंका की बता दिया जाता है और बाद में उसी मिर्च को भारत को बेच दिया जाता है. जो भी काली मिर्च आती है उसकी गुणवत्ता तो अच्छी नहीं मानी जाती है लेकिन औसत रूप से उसकी स्वीकार्यता हेतु उसे भारतीय काली मिर्च की गुणवत्ता के साथ मिला दिया जाता है.

श्रीलंका सरकार ने की आपातकाल की घोषणा

खरीददारों का कहना है कि जब से श्रीलंका में लगातार बम धमाके के होने से और वहां की सरकार के द्वारा आपातकाल की घोषणा कर दिए जाने से उत्पादन और आयात प्रभावित हुआ है. सरकार के द्वारा उठाए गए कई तरह के कदमों से आयात में भारी गिरावट हुई है जिसका सीधा असर काली मिर्च पर पड़ा है और इसके घरेलू दामों में 20 रूपये प्रति किलो तक की बढोतरी हुई है. आने वाले तीन महीनों मे और भी ज्यादा इजाफा होने की संभावना है. खरीददार दो महीने पहले ही एडंवास में जून तक का भुगतान कर रहे है. किसानों का कहना है कि काली मिर्च पर उनको उत्पादन लागत भी अधिक पड़ जाती है. आने वाले समय में मौसम परिवर्तन का असर भी काली मिर्च के उत्पादन पर देखने को मिल सकता है.

English Summary: Bounce in black pepper prices after blasts in Sri Lanka Published on: 29 April 2019, 05:22 PM IST

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