एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट ट्रस्ट के कृषि विज्ञान केंद्र, बारामती ने किसानों को खेती संबंधी जानकारी और मौसम की पहले से सूचना उपलब्ध कराने के लिए ‘कृषिक ऐप' की शुरुआत की है. ट्रस्ट के चेयरमैन राजेंद्र पवार के मार्गदर्शन में किसानों के लिए प्रासंगिक जानकारी देने के लिए ये ऐप बनाया गया है.
यह ऐप एंड्रॉइड और विंडोज संस्करणों में किसानों के लिए मराठी भाषा में मुफ्त में उपलब्ध है. ‘कृषिक ऐप' खेती में हो रहे अलग-अलग फसलों की जानकारी कृषकों एवं अधिकारियों के लिए तैयार किया गया एक मोबाइल एप्लीकेशन है, जिसके माध्यम से कृषकों को घर बैठे सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है.
इसमें बोई जाने वाली या बोई गयी फसलों की जानकारी, शासन द्वारा जारी समय-समय पर जारी सलाह आदि प्राप्त करना. गांव की मौसम के पहले की सूचनाएं देना, टपकन सिंचाई से लेकर मवेशियों के वजन,आहार तक की जानकारी मिल रही है. किसानों ने भी इसे उत्कृष्ट प्रतिसाद (साकारात्मक प्रतिक्रिया) दिया है. संरक्षित खेती तकनीक, सब्जियों की बुआई, रोपाई के सही समय, परिपक्वता व कटाई के चरण, फसल चक्र आदि की जानकारी समय-समय पर दी जा रही है.
मिट्टी के जांच के रिपोर्ट की जानकारी ऐप में डालने से किस फसल के लिए कौन-सा खाद, कितना देना है उसकी भी जानकारी मिल रही है. अलग-अलग मंडी के अलग-अलग फसलों के बाजार भाव हर दिन दिए जा रहे हैं.
इसमें नवीनतम कृषि पद्धतियों के मौसम पूर्वानुमान की भी खबर मिलती है. टपकन सिंचाई के लिए गणितीय तंत्र कार्यन्वित किया गया है. यदि एक किसान अपने कृषि योग्य भूमि पर टपकन सिंचाई करना चाहता है, तो उसे परंपरागत रूप से टपकन सिंचाई तंत्र के प्रतिनिधि को बुलाना पडता था, लेकीन अब किसानों को अपनी खेती में टपकन सिंचाई करनी है, तो कितनी मीटर लॅटरल लगेगी,फिल्टर कहाँ पर बिठाएं, खेत की लंबाई–चौडाई, सिंचाई के स्त्रोत, आय एस आय व नॉन आय एस आय उपकरणो की मौजूदा बाजार कीमत आदि की जानकारी इस कृषि ऐप में मिल रही है.
इसमें एक अन्य विकल्प भी है, जिसमें मावेशियो के लिए उनके शरीर के वजन के आधार पर आदर्श फीड की गणना की जा सकती है. किसान स्वयं मवेशियों की लंबाई और चौडाई जैसे सामान्य शारीरिक मापदंडो के माध्यम से पशुओं के शरीर के वजन का अनुमान लगा सकते हैं. इतना ही नहीं पौध की जानकारी, लंबाई–चौडाई के अनुसार पौध की कुल लागत, मौजूदा बाजार की कीमत, दो पौध के बीच का अंतर आदि जानकारी इसमें है.
इसके साथ ही मल्चिंग के प्रकार उनकी गुणवत्ता, उर्वरको के प्रकार एवं उनकी उपयोगिता आदि की जानकारी भी इस ऐप में है. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. रतन जाधव ने बताया कि पिछले दो साल के कृषि–प्रदर्शनी के समय राज्य में से आए किसानों ने जो अपेक्षाएं व्यक्त की थी, उनको पूरा करने का प्रयास इस ऐप के माध्यम से किया गया है.
यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर मुफ्त उपलब्ध है. यह एक ऐसा एग्री ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जहां किसानों को खेतीबाड़ी से लेकर सरकारी योजनाओं तक की पूरी जानकारी दी जाती है. खास बात यह है कि यहां कृषि विशेषज्ञों से मैसेज द्वारा बात की जा रही है. इस पर खेतीबाड़ी संबंधी कई वीडियो भी उपलब्ध होती हैं, जिससे किसानों को आधुनिक तकनीक की जानकारी मिल पाती है. अभी तक 2,81000 से ज्यादा किसानों ने इसे अपने मोबाइल में डाउनलोड किया है. वहीं दूसरे भाषा में भी इसे बनाने का काम शुरू है.
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