डिजिटलाइजेशन के इस दौर में कई लोग अधिकतम कार्य बैठकर ही करते हैं. घर पर हो या ऑफिस में या फिर यात्रा क्यों न कर रहे हों, किसी भी प्रकार से लम्बे समय तक बैठे रहना स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है. इस बारे में हेल्थ एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि ज्यादा देर तक बैठे रहना एक प्रकार से धूम्रपान करने से ज्यादा हानिकारक साबित हो सकता है. यह स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, इस लेख में पढ़िएं ज्यादा देर तक बैठे रहने से क्या हो सकते है आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव.
देर तक बैठे रहने से सेहत को होते हैं यह नुकसान - the harm to health by sitting for a long time -
दिल की बीमारी-Heart disease-
लंबे समय तक लगातार बैठे रहने से दिल की बीमारी होने का खतरा बना रहता है. दरअसल, लगातार बैठे रहने से हमारा शरीर फैट बर्न नहीं कर पाता है, जिस कारण फैटी एसिड आर्टरीज में जमा होने लगते हैं.
शरीर में दर्द- Pain in the body-
आपको अगर गर्दन, कन्धों या कमर में अक्सर दर्द रहता है तो ये समस्याएं भी लंबे समय तक बैठे रहने के कारण हो सकती हैं.
खराब पॉश्चर-Bad Posture
लगातार बैठे रहने से कमर पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है. अगर आप लंबे समय तक बैठकर लेपटॉप या कंप्यूटर पर काम करते हैं तो आप खराब पॉश्चर सिंड्रोम के शिकार हो सकते हैं.
दिमाग पर असर-Effects on the brain
आपको जानकर हैरानी होगी कि लगातार लंबे समय तक बैठे रहने से सिर्फ शरीर पर ही नहीं, बल्कि दिमाग को नुकसान पहुंचता है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के अध्ययन के मुताबिक, लंबे समय तक बैठे रहने से दिमाग में नई मेमोरीज बनाने वाले पार्टिकल्स पर बुरा असर पड़ता है.
वजन बढ़ना- Weight gain-
लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने से वजन तेजी से बढ़ता है.
पाचन ग्रंथि में बदलाव–Changes in Digestive Gland –
लंबे समय तक एक जैसी स्थिति में बैठे रहने से पाचक ग्रंथि अधिक सक्रिय हो जाती है और इस कारण से ज्यादा इंसुलिन पैदा होता है. इस हार्मोन से कोशिकाओं को ग्लूकोज मिलता है, लेकिन बैठे रहने से मांसपेशियों की कोशिकाएं निष्क्रिय होती जाती हैं. इसके चलते शरीर में ज्यादा मात्रा में इंसुलिन बनता है और बाद में मधुमेह अर्थात डाईबीटिज होने की संभावना बढ़ जाती हैं.
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव –Impact on Mental Health –
लंबे समय तक बैठे रहने से मस्तिष्क भी प्रभावित होता है और इसकी कार्यप्रणाली भी धीमी हो जाती है. मांसपेशियों की सक्रियता से मस्तिष्क में ताजे खून और ऑक्सीजन की मात्रा पहुंचती रहती है,जिससे आपका दिमाग सक्रिय रहता हैं और आपको बोरियत महसूस नहीं होती. लेकिन बैठे रहने से मस्तिष्क की क्षमता पर भी बुरा असर पड़ सकता है.
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