Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 18 January, 2021 12:00 AM IST

मोटी जड़ो वाला शलजम एक औषधीय पौधा है, जिसका सेवन कुछ लोग कच्चा और कुछ लोग पकाकर करते हैं. इस पौधे के पत्तियों को भी लोग साग के रूप में खाते हैं. कमाई के साथ-साथ सेहत के लिए भी इसे बहुत अच्छा माना जाता है. इसके अंदर विटामिन बी और सी प्रचुर मात्रा में होती है.

शलजम का सेवन कई बीमारियों को भगाने में असरदार है. सामान्य तौर पर सफ़ेद, पीले और बैंगनी रंग की ये सब्जी हर घर में उपयोग होती है. चलिए आपको इसके कुछ औषधीय गुणों के बारे में बताते हैं.

दमा में लाभकारी

जिन लोगों को दमा की शिकायत है, उन्हें शलजम जरूर खाना चाहिए. अगर इस सब्जी को उबालकर पानी में छानकर चीनी के साथ पिया जाए, तो उससे दमा, खांसी और गले के रोग ठीक होते हैं.

कैंसर की रोकथाम

कई शोधों में ये बात साबित हो चुका है कि शलजम एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स के उच्च गुण होते हैं, जिससे कैंसर का उपचार संभव है. इसके अंदर पाया जाने वाला ग्लूकोसाइनोलेट्स कैंसर के खतरे को निष्प्रभाव कर देता है. सर्दियों के दिनों में तो इसका सेवन जरूर सप्ताह में एक बार करना चाहिए.

स्तन कैंसर के खतरे को करता है कम

महिलाओं को इसका सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि इससे स्तन कैंसर का खतरा कम होता है. इसके अलावा ये ऊर्जा और थकान को दूर करने में भी सहायक है.

शलजम की खेती और मिट्टी

आम तौर पर इसकी खेती हर तरह की मिट्टी पर हो सकता है, लेकिन दामोट मिट्टी में ये अधिक फलदायी है. अच्छी वृद्धि के लिए मिट्टी का पीएच मान 5.5-6.8 होना चाहिए.

बुवाई और सिंचाई

शलजम की बुवाई अगस्त-सितम्बर के महीने में होती है, जबकि इसके यूरोपीय किस्मों की बुवाई अक्तूबर-नवंबर में होती है. ये सर्दियों की मुख्य सब्जी है. शलजम की बुवाई के बाद पहली सिंचाई की जरूरत होती है. उसके बाद आमतौर पर हर सप्ताह हल्की सिंचाई की जरूरत होती है.

फसल की कटाई

शलजम के फल 45-60 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं, कटाई के बाद पुटाई का काम भी करना होता है. कटाई के बाद इसके हरे सिरों को अच्छे से धोया जाता है. इस सब्जी को ठंड के दिनों में 8-15 सप्ताह स्टोर किया जा सकता है.

English Summary: turnip is good for health know more about benefits and farming method
Published on: 18 January 2021, 08:14 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now