दूध थीस्ल (Milk Thistle) की भारत में परंपरागत रूप से खेती नहीं की जाती है, लेकिन इसे उपयुक्त पर्यावरणीय परिस्थितियों वाले कुछ क्षेत्रों में औषधीय पौधे के रूप में उगाया जा सकता है. इसके बीजों और पत्तियों का इस्तेमाल आयुर्वेद में किया जाता है.
दूध थीस्ल के लिए मिट्टी
मिल्क थीस्ल की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है. यह एक कठोर पौधा है जो दोमट, रेतीली और चिकनी मिट्टी सहित कई प्रकार की मिट्टी में उग सकता है.
दूध थीस्ल की खेती के लिए सही समय
दूध थीस्ल के बीज आमतौर पर वसंत ऋतु में बोए जाते हैं.
दूध थीस्ल के लिए जलवायु
इस पौधे के लिए या तो धूप वाली या आधी छाया वाली जगह उपयुक्त होती है.
दूध थीस्ल के लिए सिंचाई
इसके लिए बहुत कम सिंचाई की जरूरत होती है. हालांकि प्रारंभिक विकास अवस्था विशेष रूप से अंकुरण और स्थापना के चरणों के दौरान इसे नियमित रूप से पानी देना आवश्यक होता है.
भारत में कहां होती ह दूध थीस्ल की खेती
भारत में, दूध थीस्ल की खेती समशीतोष्ण जलवायु वाले क्षेत्रों जैसे उत्तरी राज्य पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में की जा सकती है. इसके साथ ही इसकी खेती उपोष्णकटिबंधीय जलवायु वाले क्षेत्रों जैसे महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में भी की जा सकती है. तमिलनाडु में भी इसकी खेती की जा सकती है.
दूध थीस्ल खेती के लिए कटाई
पौधों को लगभग 100 से 120 दिनों के बाद काटा जा सकता है. बीज पौधे का सबसे मूल्यवान हिस्सा होते हैं, क्योंकि इनमें सिलीमारिन होता है, जिसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. दूध थीस्ल के कई सारे अदभूत स्वास्थ्य लाभ हैं, जिसका लिंक नीचे दिया गया है.
ये भी पढ़ें: Milk Thistle: दूध थीस्ल क्या हैं? जानें इसके रोचक स्वास्थ्य लाभ
दूध थीस्ल की खेती में खरपतवार नियंत्रण
यह पौधा खरपतवारों की तरह व्यवहार करता है और जल्दी से पूरे स्थान में फैल जाता है. ये आस-पास के पौधों के सभी पोषक तत्वों और स्थान को अवशोषित कर सकता है, इसलिए नियमित रूप से हाथ से निराई और छंटाई आवश्यक है, और यदि संभव हो तो इसे गमलों में उगाने का प्रयास करें.
भारत में दुग्ध थीस्ल की खेती अभी भी अपेक्षाकृत असामान्य है, लेकिन इसमें किसानों के लिए आय का एक मूल्यवान स्रोत प्रदान करने और देश के बढ़ते हर्बल दवा उद्योग में योगदान करने की क्षमता है. हालांकि, इसकी खेती और बिक्री करने के लिए सभी प्रासंगिक नियमों व मानकों का पालन करना जरूरी है.