Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि सोलर पंप संयंत्र पर राज्य सरकार दे रही 60% अनुदान, जानिए योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 3 December, 2018 12:00 AM IST
By:

औषधीय फसलों की खेती में एलोवेरा की खेती को एक बेहतर विकल्प माना जाता है. इसके औषधीय गुणों के कारण इसका प्रयोग दवाई, हर्बल आदि के रूप में किया जाता है. इसकी मांग देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब ज़ोरों पर है. वहीं इन दिनों इसका इस्तेमाल ज्यादातर सौंदर्य प्रसाधनों में किया जा रहा है. हालांकि मुख्य रुप से भारत में इसकी खेती राजस्थान मध्य प्रदेश में की जाती है, लेकिन इन दिनों देश के कई राज्यों के किसान एलोवेरा को व्यवसायिक खेती के तौर पर अपनाकर मुनाफा कमा रहे हैं. इसकी खेती में किसानों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और इसमें से एक है एलोवेरा की ज्यादा पैदावार या लाभ देने वाली प्रजातियां.  

एलोवेरा की ज्यादा पैदावार या लाभ देने वाली प्रजातियां.  

ये है एलोवेरा की प्रमुख प्रजातियाँ

वैसे तो एलोवेरा की खेती के लिए कई प्रकार की प्रजातियों का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन व्यवसायिक खेती के तौर पर देखा जाए तो एलोय चीनेंसिस (Aloe Chinensis), एलोय लित्तोरालिस (Aloe Littoralis) और एलोय अब्यस्सिनिका (Aloe Abyssinica) सबसे अधिक लोकप्रिय माना जाता है. वहीं भारत में इसकी खेती के लिए कई अनेक उपजाऊ प्रजातियां मौजूद हैं और इनके नाम हैं आईईसी 111271, आईईसी 111269 तथा एएएल -1 हैं.

कैसे होगा लाभ :

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एलोवेरा औषधीय गुणों के कारण काफी लाभकारी माना जाता है. इन दिनों इसका प्रयोग अनेक प्रकार की दवाईयां बनाने में की जा रही है जिस कारण इसकी मांग काफी बढ़ रही है. इसके साथ ही इसका प्रयोग जेल और जूस बनाने के लिए भी किया जाता है. आज सिर्फ किसान ही नहीं बल्की कई अन्य युवा भी इसकी जूस और जेल का व्यवसाय करके मुनाफा कमा रहे हैं. एलोवेरा की खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा है. एलोवेरा के ज़रिए दो प्रकार से मुनाफा कमाया जा सकता है, जैसे की इसकी पत्तियों गूद्दों को आयुर्वेदिक एवं हर्बल दवा निर्माता तथा सौंदर्य प्रसाधन निर्माता कंपनियों को बेच सकते हैं. या फ़िर आप एलोवेरा का प्रसंस्करण प्लांट लगाकर इसका जूस या जेल बनाने का व्यापार भी कर सकते हैं.

जिम्मी, कृषि जागरण

English Summary: Information: Farmers can earn more profits by cultivating these species of aloe vera
Published on: 03 December 2018, 08:00 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now