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Updated on: 9 March, 2018 12:00 AM IST
Medicinal Plants

किसान खेतों की जुताई कर फसल की अच्छी पैदावार के लिए उत्तम किस्म के बीज, खाद  व पेस्टीसाइड का इस्तेमाल करते हैं. बावजूद उसे लाभ नहीं मिलता है.  इसका मुख्य वजह है मौसम की मार यदि किसान कम समय ,कम लागत में अधिक मुनाफा कमाएं और पर्यावरण को भी स्वच्छ रखे और अपने भी स्वस्थ्य रहे तो कितना बेहतर होगा. जी हां हम हर साल खेती में हो रहे नुकसान की एक बार में भरपाई की बात बताने जा रहे हैं. किसान भाई को देखते हुए शिवशिक्त बायो टेक्नोलोजीस लिमिटेड की ओर से रॉयल -19 टिशू कल्चर सागवान का उत्तम किस्म का पौधा निकाला है. जिसकी खेती कर किसानों की आर्थिक स्थिति में बदलाव आएगा. इसके बारे में जानकारी दे रहे कृषि जागरण पत्रकार संदीप कुमार.

रॉयल 19 टिशू कल्चर सागवान

जी हां, एक कदम बेहतर कल के लिए, जिस पर कि आप पूरी तरह से भरोसा कर सकते हैं.  यह सागवान का पौधा अत्याधुनिक प्रयोगशाला में कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा कई वर्षों की खोज व अनुसंधान के बाद प्रयोगशाला में तैयार किया गया है. यह पौधा उच्च गुणवत्तायुक्त पूरी तरह से मातृ वृक्षों का कहे तो एक तरह से स्वरूप है. यह एक मात्र ऐसा पौधा है जो रोग व कीटाणु से मुक्त है. वहीं इसमें शीघ्र वृद्धि  के साथ-साथ पौधों में एकसमानता दिखने को मिलती है. इसकी मुख्य शाखा मजबूत व सीधी होती है. मौसम की बात करें तो इसे किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है लेकिन पौधा लगाने के बाद किसान भाई को समय पर सिंचाई के साथ-साथ देखभाल करना जरूरी है. इस पौधे से 12-15 सालों में लकड़ी मिलना शुरू हो जाता है. लकड़ी मजबूत व सुनहरी पीली और उच्च गुणवत्तायुक्त होती है.

आर्थिक लाभ: रॉयल 19 टिशू कल्चर सागवान का यदि किसान भाई प्रति एकड़ 450 से 500 पौधों को लगाए तो उन्हें प्रति एकड़ अनुमानित लकड़ी का उत्पादन 9 हजार घन फीट होगा. जिसका कि बाजार में वर्तमान मूल्य लगभग प्रति घन फीट 1800 रुपये के अनुसार 12 से 15 सालों के बाद प्रति एकड़  कुल आय लगभग एक करोड़ बीस लाख हो जाएगी. यदि कोई किसान इस कंपनी के सागवान का एक पेड़ लगाता है तो 12 से 15 साल में लगभग 20 घन फीट लकड़ी का लगभग 32 हजार चार सौ रु पये आय प्राप्त होगी. जबकि अन्य सागवान वाली पौधा में यह बात नहीं है. इसके बीज अन्य पद्धित से उपचारित किया जाता है. दूसरी बात ये कि इसका विकास असमान व मजबूती की गारंटी नहीं होती है. कीट और रोगों के प्रति यह संवेदनशील होता है. लकड़ी की गुणवत्ता का प्रमाण देना इसमें मुश्किल है. विकास व कटाई का कोई समय नहीं होता है.

शिवशिक्त बायो टेक्नोलोजीस लिमिटेड के प्रचार-प्रसार मैनेजर प्रशांत कुमार परीडा ने कहा कि यह 21 साल पुरानी कंपनी है जो कि भारत के अलावा नेपाल में भी किसानों के लिए कार्य कर रही है. किसान इसका लाभ भी उठा रहे हैं.  इस कंपनी को इंटरनेशनल स्तर पर आईएसओ से प्रमाणति किया गया है. कहते हैं कि भारत के छह नामचीन कृषि विश्वविद्यालयों की ओर से इनके उत्पाद को प्रमाणित किया गया है. रॉयल 19 टिशू कल्चर सागवान कई कृषि वैज्ञानिकों के शोध व अनुसंधान के बाद किसानों के लिए बाजारा में उतारा गया है. उन्होंने बताया  कि भारत के एक प्रमुख टिकाऊ कृषि उत्पाद आधारित कंपनी है.  भारत में कृषि वानिकी क्षेत्र में इस कंपनी को प्रथम स्थान का दर्जा प्राप्त है. कंपनी के व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य है प्रत्यक्ष रूप से किसानों के घर अपना उत्पाद पहुंचाना एवं एकीकृत कृषि के विकास को बढ़ावा देना. यह कंपनी प्रमुख रूप से कृषि आधारित ग्रामीण आबादी के लिए स्थायी आजीविका के अवसर पैदा प्रदान करता है साथ ही हरा-भरा और स्वच्छ वातावरण बहाल करता है. यह कम्पनी देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

रॉयल 19 टिशू कल्चर सागवान पौधा से लाभ कमाने वाले बिहार जिला के किसान नाम का मोबाइल नंबर 

1. चंद्र प्रकाश सिंह बेगूसराय- 9006130365

2. विजय बहादुर सिंह रोहतास - 8002119937

3. बच्चू यादव पटना- 9661295815

4. रामाशीर्ष शर्मा बिहटा- 9572050873

5. श्री रामेश्वर चैधरी समस्तीपुर - 8051280940

सागवान पौधा के बारे में अधिक जानकारी  के लिए इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं

श्री प्रशांत परीडा

प्रचार-प्रसार मैनेजर

शिवशिक्त बायो टेक्नोलोजीस लिमिटेड

पटना बिहार

मोबाइल नंबर: 08271345499, 0612-2206489

English Summary: Find Snacks and earn more profits in less time
Published on: 08 March 2018, 11:28 IST

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