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Updated on: 30 December, 2021 12:00 AM IST
Chirata Ki Kheti

अक्सर किसानों को एक चिंता सताती है कि वह किस फसल की खेती से अच्छा और ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.  अगर आप भी यही सोच रहे हैं, तो आपको चिरायता (Swertia chirata) उगाने से तगड़ा मुनाफा हो सकता है, क्योंकि इसमें जबरदस्त गुण होते हैं. इसको कोई झुठला नहीं सकता है. दरअसल, इसका उपयोग अच्छी सेहत के लिए किया जाता है. तो आइये जानते हैं कि चिरायता की खेती (Chirata Farming) कैसे की जाती है?

क्या है चिरायता (What is Chirata)

यह एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक जड़ी बूटी (Ayurvedic Herbs) है, जो मुख्य रूप से भारत से लेकर भूटान तक हिमालय के उप-समशीतोष्ण क्षेत्रों (sub-temperate regions of the Himalayas) में बढ़ती हुई पाई जाती है. चिरायता अपने विशिष्ट कड़वे स्वाद के लिए जाना जाता है. इसकी ऊंचाई आमतौर पर 3-4 फीट होती है और इसमें बैंगनी रंग के हरे-पीले फूल होते हैं.

चिरायता के लिए जलवायु और मिट्टी (Climate and soil for Chirata)

  • इसकी खेती के लिए दोमट से बालू दोमट, भुरभुरी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी उपयुक्त होती है.

  • मिट्टी को FYM (खेत की खाद) से समृद्ध किया जाना चाहिए और यदि मिट्टी चिकनी है, तो रेत को भी मिलाने की आवश्यकता होती है.

  • फसल को वर्षा ऋतु में हल्की वर्षा (100 सेमी) वाले क्षेत्रों में और लंबे समय तक ठंडे सर्दियों वाले क्षेत्रों में उगाया जा सकता है.

  • यह ज्यादातर बर्फबारी होने वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है.

चिरायता की फसल की परिपक्वता और कटाई (Chirata crop maturity and harvesting)

  • गर्मियों के दौरान या अक्टूबर-नवंबर में पूरी तरह से उगने पर पौधों को एकत्र किया जाता है.

  • पौधे छह से आठ महीने के भीतर फूलते हैं और इस प्रकार साल भर उपज के लिए बीज प्रदान करते हैं.

  • जब जल्दी कटाई की जाती है. कुछ पौधों को खेतों में छोड़ दिया जाता है, ताकि बीज परिपक्व हो जाएं, जिन्हें अगली फसल उगाने के इस्तेमाल किया जाता है.

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चिरायता के सिंचाई के तरीके (Chirata Irrigation Methods)

  • पौधों को स्थिर नमी से बचाने के लिए विशेष रूप से बारिश के दौरान खेतों के चारों ओर चैनल खोदकर एक उचित जल निकासी व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए.

  • आवश्यकता पड़ने पर खेत की सिंचाई गर्मियों में प्रत्येक दिन और जाड़ों में साप्ताहिक की जानी चाहिए.

चिरायता के रोग और कीट नियंत्रण (Chirata diseases and pest control)

फसल पर कोई विशिष्ट रोग या कीट नहीं देखा जाता है, इसलिए किसानों के लिए चिरायता उगना एक फायदे का सौदा है.

चिरायता के आयुर्वेदिक और औषधीय गुण (Ayurvedic & medicinal properties of Chirata)

इस विश्वसनीय जड़ी बूटी से बुखार, त्वचा विकार रोग, भूख बढ़ाना, पाचन क्रिया में मददगार,  सांस लेने में सहायक, मधुमेह, अधिक प्यास से राहत, रक्तस्राव को रोकना, अपच,  गले की खराश से राहत, खांसी से राहत, दस्त, पीलिया और एनीमिया का इलाज करता है.

English Summary: Farmers can earn strong profits by cultivating absinthe, ayurvedic properties are treasured
Published on: 30 December 2021, 02:53 IST

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