Dragon Fruit Farming: ड्रैगन फ्रूट की व्यावसायिक खेती कर किसान कमाएं भारी मुनाफा, बस इन बातों का रखें ध्यान केले के सड़ने की बीमारी को ऐसे करें प्रबंधित, यहां जानें पूरी विधि व अन्य जानकारी किसानों के लिए खुशखबरी! खरीफ सीजन से धान खरीद पर मिलेगा 500 रुपये बोनस, सरकार ने किया बड़ा ऐलान Cotton Cultivation: कपास के बीज किसानों को टोकन के माध्यम से किए जाएंगे वितरित भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Success Story: लातूर के इस किसान को मिली अमरूद की बागवानी में सफलता, आज है लाखों में कमाई
Updated on: 11 May, 2020 12:00 AM IST

कैक्टस के पौधोंको आम तौर पर काम का पौधा नहीं समझा जाता. प्राय लोगों का मानना यही है कि इसकी खेती किसी तरह की लाभ नहीं दे सकती. लेकिन अगर हम आपको बताएं कि इस पौधें की मांग भारत में ही नहीं बल्कि बाहरी देशों में भी खूब है, तो क्या आप यकिन करेगें.जी हां, भले आप इस बात पर यकिन न करें, लेकिन बंजरभूमि पर उगने वाला यह पौधा कई औषधीय गुणोंसे भूरपूर है. कैक्टस की कई तरह की किस्म पहचान में आ चुकी है और सभी में पौधों पर कांटोंका होना उनके कुल की समानता को दर्शाता है. वैसे इसमें कई तरह के फूल भी उगते हैं, जिसका बाजार में अच्छा दाम है.

40 फीट तक हो सकती है लम्बाई

कैक्टस के कुल में कुछ ऐसी किस्में भी है, जिसकी लम्बाई 40 फीट तक हो सकती है. भारत के अलावा इस पौधें को अमेरिका के एरिजोना रेगिस्तानी क्षेत्रों में पाया जाता है.मैक्सिको के रेगिस्तानीक्षेत्र एवं कैलिफोर्निया के पहाड़ी क्षेत्र भी इशके लिए प्रसिद्ध है.

कैक्टस का हलवा

कैक्टस का इस्तेमाल दवा के रूप में उपचार के लिए होता है. वैसे आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि इस पौधें को खाया भी जाता है. जी हां, कई तरह के स्वादिष्ट पकवान बनाने के लिए इनका उपयोग होता है. इसकी कोमल शाखाओं का उपयोग मीठी रेसिपीज़ बनाने के काम आता है. इससे हलवा भी बनाया जाता है, जो लोगों को अति प्रिय है.

कैक्टस के दूध से बना सकते हैं काजल

कैक्टस में मोलस्यूसाइडल गुणोंसे भूरपूर होता है. विशेषज्ञों की माने तो इसके गोंद में लार जैसा तत्व निकलता है, जिसकी सहायता से काजल बनाया जा सकता है.

रोगों के उपचार में है रामबाण

आर्थराइटिस (गठिया रोग) के उपचार में इसका मुख्य तौर पर उपयोग होता है. यह बवासीर की परेशानी में भी उपयोगी है.

(आपको हमारी खबर कैसी लगी? इस बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें.इसी तरह अगर आप पशुपालन, किसानी, सरकारी योजनाओं आदि के बारे में जानकारीचाहते हैं, तो वो भी बताएं. आपके हर संभव सवाल का जवाब कृषि जागरण देने कीकोशिश करेगा)

English Summary: Cactus farming future in india and medical benefits know more about it
Published on: 11 May 2020, 03:44 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now