आयुर्वेद में कई तरह के ऐसे पौधों का वर्णन है, जिनकी खूबियों को जान स्वयं मेडिकल विज्ञान अचंभे में पड़ जाता है. ब्राह्मी इसी तरह का एक आयुर्वेदिक पौधा है, जिसकी खूबियां जगजाहिर है.
ये पौधा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ देने में सहायक है और तनाव, कैंसर, अनिद्रा, थकान, चमड़ी रोगों आदि को सरलता से दूर कर देता है. शायद यही कारण है कि लंबे समय से दुनियां भर के विशेषज्ञ ब्राह्मी को लकेर शोध कार्य कर रहे हैं. चलिए हम आपको आज बताते हैं कि ये पौधा होता कैसा है और किसके क्या-क्या फायदें हैं.
दवाओं में होता है इस्तेमाल
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ये पौधा विज्ञान जगत में बाकोपा मोननिएरी (Bacopa monnieri) के नाम से प्रसिध्द है.
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हालांकि अलग-अलग क्षेत्रों एवं देशों में इसके नाम स्थानिय भाषा अनुसार भिन्न हैं.
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आयुर्वेदिक और पारंपरिक दवाओं में अपना खास स्थान बनाने वाले इस पौधे में एल्कोलाइड और ट्राइटरपेन सैपोनिन नाम के स्वास्थवर्धक पर्दाथ प्रमुख्ता से पायें जाते हैं.
कैसा होता है ब्राह्मी पौधा
ब्राह्मी का पौधा भूमि पर फैलते हुये बड़ा होता है, जिसकी तने और पत्तियाँ मुलामय एवं गूदेदार होती है.
अधिक नमी वाले क्षेत्रों में पाया जाने वाला ये पौधा वैसे भारत में आसानी से देखने को मिल जात है. इसके फूल सुंदर सफेद रंग के होते हैं.
स्वास्थ के लिये है फायदेमंद
इसका पौधा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो शरीर से सभी तरह के अनचाहें पदार्थों को दूर करता है. वहीं एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में भी ये सहायक है.
इसका उपयोग त्वचा की सुंदरता बढ़ाने के लिये भी किया जाता है. बता दें कि ब्राह्मी विशेष तौर पर त्वचा की ऊपरी परत को बिना किसी नुकसान के सही करने में योगदान निभाता है.
वहीं अगर आपके शरीर पर चोट, जलने-कटने आदि के निशान हैं तो आपको ब्राह्मी का सेवन करना चाहिये क्योंकि ये कोशिकाओं के पुनर्जन्म में अपना योगदान निभाता है. वहीं ये आंतरिक त्वचा को भी साफ करता है.