Kisan Credit Card: किसानों को अब KCC से मिलेगा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें कैसे उठाएं लाभ? Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Loan Scheme: युवाओं को बिना ब्याज मिल रहा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 17 July, 2023 12:00 AM IST
कई बीमारियों को जड़ से ख़त्म करेगा बनफशा

क्या आपने कभी बनफशा के बारे में सुना है? कई लोग यह नाम पहली बार सुन रहे होंगे. दरअसल, यह एक औषधीय पौधा है. जो मेडिकल लाइन में काफी मशहूर है. इसका इस्तेमाल उन दवाओं को बनाने में किया जाता है. जो सर्दी, खांसी, जुकाम आदि में काम आते हैं. बनफशा काफी सुगंधित पौधा है जो फूलों के माध्यम से पहचाना जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम Viola odorata है. यह पौधा आमतौर पर भारत, दक्षिण एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में पाया जाता है. इसके पत्ते छोटे और हरे रंग के होते हैं. जबकि इसके फूल लवंगी या नीले रंग के होते हैं.

यहां होता है बनफशा का उपयोग

बनफशा के पत्तों, फूलों और गुच्छों का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है. इसे मुख्य रूप से मांसपेशियों को ताकत देने के लिए जाना जाता है. यह सांस की समस्याओं को कम करने और श्वसन तंत्र को सुधारने में मदद कर सकता है. यह अपच और आंत्र-संबंधित समस्याओं में उपयोगी साबित हो सकता है.

जुकाम और साइनस संक्रमण: बनफशा के पानी को जुकाम और साइनस संक्रमण को खत्म करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके द्वारा नाक से संक्रमण और जुकाम के लक्षणों को कम किया जा सकता है.

शांतिदायक गुण: बनफशा को शांतिदायक गुणों के कारण भी प्रशंसा की जाती है. इसका उपयोग तनाव, चिंता, अस्थायी नींद की समस्याओं और मानसिक तनाव को कम करने में किया जाता है.

यह भी पढ़ें- Medicinal Crops: बड़े काम का है ये औषधीय पौधा, अगर एक एकड़ में कर ली खेती तो चंद दिनों में बन जाएंगे अमीर

त्वचा समस्याओं का समर्थन: बनफशा का तेल त्वचा की देखभाल के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाने में मदद कर सकता है और त्वचा संबंधी समस्याओं, जैसे कि खुजली, छाले, दाग-धब्बे आदि को कम करने में भी मदद कर सकता है. हालांकि, बीमारियों को दूर करने के लिए कितनी मात्रा में बनफशा का उपयोग होता है. इसके बारे में केवल डॉक्टर ही बता सकते हैं. डॉक्टर संदीप बताते हैं कि बनफशा को दवा बनाने वाली कई कंपनियां उपयोग करती हैं. इसे काफी महंगी कीमत में खरीदा जाता है.

वैसे तो बनफशा प्रमुख रूप से दक्षिण एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में पाया जाता है. लेकिन भारत में भी इसके कुछ किस्म पाए जाते हैं. भारत में बनफशा प्राकृतिक रूप से कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है. कुल मिलाकर बनफशा के पौधे गर्म तापमान को झेल नहीं सकते हैं. इनके लिए ठंडा तापमान सबसे सही होता है.

English Summary: Banafsha: This medicinal plant can cure many dangerous diseases ranging from cold and cough
Published on: 17 July 2023, 04:27 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now