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Updated on: 24 September, 2019 12:00 AM IST

हमारी सम्पूर्ण आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति वनस्पतियों एवं औषधीय-पौधों पर निर्भर है. लेकिन हम आधुनिक समय में छोटी से छोटी बीमारी के लिए अंग्रेजी दवाओं की तरफ देखने लगे हैं. यही कारण है कि पहले की अपेक्षा हमारा शरीर बहुत कमजोर एवं निर्बल होता जा रहा है. शरीर में ना तो पहले की अपेक्षा ऊर्जा बची है और ना रोग प्रतिरोधक शक्ति. ऐसे में जरूरत है कि स्वस्थ एवं ऊर्जावान रहने के लिए हम अधिक से अधिक औषधी फसलों को अपने दैनिक जीवन में अपनाएं.

वास्तव में औषधी फसलों का उपयोग सस्ता एवं अच्छा है. अब अंकोल के पौधे को ही ले लीजिए. ये पौधा ना सिर्फ आपके स्वास्थ को सही करने में सहायक है, बल्कि सभी प्रकार के विषों का नाश करने वाला भी है. इस पौधे की दो प्रजातियां विशेषकर प्रचलित है. एक है सफ़ेद अंकोल और दूसरा है काला अंकोल.

इस पौधे की ऊंचाई मुख्य तौर पर 25 से 40 फीट तक होती है. जबकि  तना 2’5 फीट से 3 फीट तक की मोटाई का हो सकता है. रंग में इसकी शाखाएं सफ़ेद होती है और पत्ते 'कनेर' के पत्तों की भांति प्रतीत होते हैं. खास बात ये है कि इसके पास पारे को शुद्ध करने की क्षमता, दस्त लाने की शक्ति एवं सभी प्रकार के विष को नष्ट करने का सामर्थ्य होता है. इसके अलावा ये सभी प्रकार के कफ, वात एवं शमन समस्याओं का भी निवारण करने में सक्षम होता है. गौरतलब है कि अंकोल के बीज शीतल होने के साथ धातु और वीर्य का वर्द्धन करने में सहायक होते हैं. चूहे आदि के काट लेने पर अगर इसके छाल को पानी में घीसकर दंश पर लगाने या पानी में पीसकर पीने से जहर उतर जाता है.

English Summary: ankol plant will make healthy and energetic know more advantages
Published on: 24 September 2019, 06:09 IST

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