Nariyal Ki Kheti Ke Liye Tips: भारत के अधिकतर किसान कम समय में अच्छी कमाई के लिए पारंपरिक खेती से हटकर गैर-पारंपरिक खेती अपना रहे हैं. इनमें से अधिकतर किसान फलों की खेती करना पंसद कर रहे हैं, जिसमें नारियल भी शामिल है. देश में नारियल की खेती एक महत्वपूर्ण व्यवसाय मानी जाती है, क्योंकि इससे किसानों को अच्छा खासा आर्थिक लाभ प्राप्त होता है. साथ ही नारियल से बनने वाले उत्पादों की मांग भी भारतीय मार्केट में काफी रहती है. ऐसे में किसानों को नारियल की सफल खेती के लिए कुछ विशेष तकनीकों और देखभाल की आवश्यकता होती है.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, नारियल की खेती के दौरान किसानों को किन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए.
मिट्टी का चयन
नारियल की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी रेतली या काली मिट्टी को माना जाता है, क्योंकि इनमें जल निकासी की काफी अच्छी क्षमता होती है. इससे पौधों को उचित मात्रा में ही पानी मिलता है और जलभराव की समस्या नहीं होती है. नारियल के पौधे अत्यधिक जलभराव को सहन नहीं कर पाते हैं, इसलिए ध्यान रखें कि भूमि में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो.
जलवायु और तापमान
नारियल की सफल खेती के लिए आपको गर्म और नम जलवायु की आवश्यकता होती है. इसकी खेती के लिए 25 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे उपयुक्त माना जाता है. यदि तापमान बहुत कम या ज्यादा होता है, तो इससे पौधे की वृद्धि पर असर पड़ता है. ऐसे में आपको नारियल की बुवाई करने पहले गर्म क्षेत्र का चयन करना चाहिए, जैसे- तटीय क्षेत्र और दक्षिणी भारत के राज्य.
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सिंचाई और जल प्रबंधन
आपको बता दें, नारियल के पेड़ों को नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है. सूखे मौसम में सिंचाई का खास ध्यान रखें, ताकि पौधों को पानी की कमी न हो. हालांकि, इस बात का भी ध्यान रखें कि ज्यादा पानी देने से जलभराव न हो. जलभराव से नारियल के पौधे की जड़ों को नुकसान हो सकता है, जिससे पौधे की वृद्धि रुक सकती है या फिर पौधा सूख भी सकता है.
खाद और उर्वरक
नारियल की सफल खेती के लिए आपको इसकी फसल में उर्वरकों का संतुलित उपयोग करना चाहिए. आपको हर साल इसकी फसल में गोबर की खाद और संतुलित रासायनिक उर्वरक डालने चाहिए. बता दें, नारियल के पौधों के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का सही अनुपात आवश्यक है. इन तत्वों से पौधों की अच्छी वृद्धि और फलों की गुणवत्ता में वृद्धि होती है. इसके अलावा, आप नारियल की फसल में जैविक खाद का भी उपयोग कर सकते हैं.
खाद और उर्वरक
नारियल की सफल खेती के लिए आपको इसकी फसल में उर्वरकों का संतुलित उपयोग करना चाहिए. आपको हर साल इसकी फसल में गोबर की खाद और संतुलित रासायनिक उर्वरक डालने चाहिए. बता दें, नारियल के पौधों के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का सही अनुपात आवश्यक है. इन तत्वों से पौधों की अच्छी वृद्धि और फलों की गुणवत्ता में वृद्धि होती है. इसके अलावा, आप नारियल की फसल में जैविक खाद का भी उपयोग कर सकते हैं.
कीट और रोग का प्रबंधन
आपको बता दें, नारियल के पेड़ को कई प्रकार के कीट और रोगों का खतरा रहता है, इनमें- नारियल का रुई जैसा कीट और पत्तियों का झुलसना शामिल है. इसके लिए किसान जैविक और रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग कर सकते हैं. कीट और रोग से बचाने के लिए आपको नियमित रुप से नारियल के पौधों जांच करते रहना चाहिए, जिससे किसी भी प्रकार की बीमारी का प्रारंभिक स्तर पर ही पता लग सके और उसका उपचार किया जा सके.
कटाई का समय
नारियल की कटाई का उचित समय फल की गुणवत्ता को प्रभावित करता है. आपको नारियल का रंग हल्का हरे से भूरा होने पर ही उसे काटना चाहिए है. इसके अलावा, अधिक पके हुए नारियल का उपयोग कोपरा (सूखा नारियल) और तेल निकालने के लिए किया जा सकता है, जबकि कच्चे नारियल का उपयोग पानी के लिए किया जाता है.