सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 24 December, 2022 12:00 AM IST
ऐसे करें अमरूद की खेती

भारत देश में अमरूद एक बेहद लोकप्रिय फल है. इसे ‘गरीबों का सेब’ के नाम से भी जाना जाता है. अमरूद में विटामिन, आयरन, फास्फोरस समेत अनेक खनिज तत्व होते हैं. अमरूद की खेती में लागत काफी कम लगती है.

अमरूद की खेती का तरीका 

जलवायु 

अमरूद की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु की जरूरत होती है. अमरूद की अच्छी पैदावार के लिए 15 से 30 सेंटीग्रेड तापमान की जरूरत होती है. इस पर मौसम के उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं होता है. 

मिट्टी

आमतौर पर अमरूद की बागवानी किसी भी मिट्टी में की जा सकती है. परंतु बुलई दोमट मिट्टी इसकी पैदावार के लिए सबसे बेहतर मानी जाती है. इसके लिए मिट्टी का पीएच 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए. 

बुवाई 

अमरूद की बुवाई फरवरी से मार्च या अगस्त से सितंबर महीने के बीच में की जाती है. अमरूद के खेत में बीजों की बुवाई के अलावा इसकी रोपाई से भी पैदावार की जा सकती है. रोपाई के दौरान पौधों को 6x5 मीटर की दूरी पर रखा जाता है, जिससे इसकी शाखाओं को फैलने के लिए अच्छी जगह मिल सके. आपको बता दें कि एक एकड़ खेत में लगभग 120 पेड़ों को लगाया जा सकता है.

खरपतवार नियंत्रण

अमरुद के पौधों के आस-पास कुछ अंतराल पर नियमित निराई- गुड़ाई करते रहें. रोपाई के लगभग  पौधों 25 से 30 दिन बाद कही इसकी गुड़ाई करें. खरपतवार के नियंत्रण के लिए ग्रामोक्सोन को पानी में मिलाकर पौधों पर छिड़काव करें. जब अमरुद के पेड़ बड़े हो जाएं, तो ट्रैक्टर की मदद से खेत में जुताई करें जिससे वहां पर मौजूद खरपतवार नष्ट हो जाएं. 

खाद व उर्वरक 

अमरूद के पौधौं के लिए तैयार गड्ढे में 300 से 400 ग्राम सड़ी गोबर की खाद डाल दें. इसके साथ ही इसमें नीम, रासायनिक खाद जैसे यूरिया और पोटाश का भी उचित मात्रा में उपयोग करें.  पौधों में नाइट्रोजन 50 ग्राम, स्फुर 30 ग्राम और पोटाश को 50 ग्राम प्रति पौधे के हिसाब से ही डालें.

ये भी पढ़ें:बागवानी से ज्यादा आमदनी के लिए अपनाएं अल्ट्रा हाई डेंसिटी और हाई डेंसिटी तकनीक

कमाई

आपको बता दें कि एक बार अमरूद के पौधों को उगाने के बाद यह 20 वर्षों तक फल देते रहते हैं. अमरूद के पौधों से प्रति हेक्टेयर 10 से 15 टन की पैदावार की जा सकती है. बाजार में अमरूद की काफी मांग रहती है. अगर आप इसकी खेती करना चाहते हैं तो प्रति हेक्टेयर अमरूद की बागवानी से आराम से 2 से 3 लाख तक की कमाई हर मौसम में कर सकते हैं.

English Summary: How to cultivate guava crop
Published on: 24 December 2022, 11:22 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now