नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 16 January, 2020 12:00 AM IST

कहते हैं शौक और जूनून हो, तो उम्र और समय मायने नहीं रखते. इसी की मिसाल कायम करते हुए एक 46 वर्षीय बागवान ने कमाल कर दिखाया है. अपने हुनर और शौक के ज़रिए ही बागवान ने खेती और बागवानों को प्रोत्साहित किया है. इसके साथ ही नई तकनीक (farming techniques) को खेती और बागवानी का हिस्सा बनाकर किस तरह ज़्यादा उत्पादन और मुनाफ़ा कमाया जा सके, इसका उदाहरण भी उन्होंने दिया है.

हम बात कर रहे हैं Paul Barnett की. इंग्लैंड के Chichester शहर के Chidham में रहने वाले पॉल बर्नेट को बागवानी का बड़ा शौक था. आपको बता दें कि पॉल को सेब के पेड़ से काफी लगाव था. वो चाहते थे कि उनके पास सेब की हर किस्म का पेड़ हो लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया.

सेब की अलग-अलग किस्मों के पेड़ों की बागवानी के लिए एक एकड़ से ज़्यादा की ज़मीन तो चाहिए ही थी, जो पॉल के पास उस समय नहीं थी. ऐसे में उन्होंने अपनी चाहत पूरी करने के लिए 250 सेब की अलग-अलग किस्मों को एक ही पेड़ में शामिल करने का फैसला किया और यही वजह है कि उन्होंने एक ही सेब का पेड़ लगाया और 25 सालों तक उसकी अच्छी देखभाल भी की.

पॉल ने अपनाया ये तरीका

सेब के पेड़ पर पॉल ने कई किस्म के सेब के पौधों से सफलतापूर्वक टिशू तैयार किए. अपने मन मुताबिक सेब के स्वाद, उसके आकार और रंग पर काम कर उसका चुनाव करने के बाद ही पॉल ने ग्राफ्टिंग के ज़रिए तैयार किए गए सभी किस्मों के पौधों को एक ही पेड़ पर उतारा. वहीं आज के समय में उस पेड़ पर कुल मिलकार 250 अलग-अलग किस्म वाले सेब निकलते हैं. इस तरह पॉल ने अपनी मेहनत और लगन से अपने सपने को पूरा किया और उस एक पेड़ से कई किस्म के सेबों का उत्पादन ले रहे हैं.

ये भी पढ़ें: गाँव हो तो ऐसा! पहाड़ों पर उन्नत खेती, सिंचाई साधन के साथ बेटियों का सुरक्षित भविष्य

English Summary: farmer produces 250 varieties of apples from a single tree via grafting and tissue culture
Published on: 16 January 2020, 01:53 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now