ड्रैगन फल की कई किस्में होती हैं. भारत में पर्पल, रेडपिंक और व्हाइट ड्रैगन की खेती की जाती है. उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में लगभग 250 एकड़ में किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं और बाजार में इसे 150 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बेच कर काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
एक किसान ने बताया कि पांच साल पहले वह एक एकड़ जमीन मे 2500 ड्रैगन के पेड़ लगाये थे और अब वह हर साल ढ़ाई से तीन लाख के फल बेच रहे हैं. जिससे उनकी कमाई आठ लाख रुपये सालाना की हो रही है.
ड्रैगन फल के पौधों को सीमेंट और कंक्रीट के बने पिलर के सहारे बड़ा किया जाता है. इसका पौधा 25 वर्षों तक फल देता है. इसकी खेती में अधिक पानी की जरूरत भी नहीं होती है. इसकी खेती के लिए गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट अच्छी मानी जाती है. कीटों से बचाव के लिए साल में एंटी फंगल पेस्टिसाइड्स का छिड़काव करते रहना चाहिए.
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