Success Story: कॉरपोरेट नौकरी छोड़ नेहा ल्यूक बनीं जैविक किसान, सालाना टर्नओवर पहुंचा 60 लाख रुपये! Paddy Crop: बेहतर पैदावार के लिए धान की खेती में बरतें ये अहम सावधानियां, जानिए पूरी प्रक्रिया Buffalo Breed: भैंस की इस नस्ल के साथ शुरू करें डेयरी बिजनेस, कम लागत में मिलेगा ज्यादा मुनाफा किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 24 February, 2025 12:00 AM IST
Mango Hopper Prevention: आम की फसल को मधुआ कीट से बचाने के लिए जानें बेहतरीन उपाय! (Image Source: Freepik)

आम की फसल पर मधुआ कीट (Hopper) एक गंभीर समस्या है, जो विशेष रूप से फूलों और नई पत्तियों पर आक्रमण करता है. यह कीट रस चूसकर पौधे को कमजोर करता है और साथ ही मधुरस (हनीड्यू) उत्सर्जित करता है, जिससे फफूंद (सूट मोल्ड) पनपती है और प्रकाश संश्लेषण बाधित होता है. इस कीट के चलते फूल झड़ने लगते हैं और पैदावार पर बुरा असर पड़ता है. इसके अलावा, यह कीट एक चिपचिपा पदार्थ (हनीड्यू) उत्सर्जित करता है, जिससे फफूंद (सूट मोल्ड) बढ़ती है और पौधे की प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया बाधित होती है.

मधुआ कीट का प्रकोप अक्सर गर्म और शुष्क मौसम में अधिक होता है. यदि समय पर नियंत्रण न किया जाए, तो यह पूरी फसल को नुकसान पहुंचा सकता है. इसके प्रबंधन के लिए जैविक और रासायनिक दोनों उपाय उपलब्ध हैं. नीम तेल, जैविक कीटनाशक और संतुलित सिंचाई से इसका असर कम किया जा सकता है. वहीं, जरूरत पड़ने पर कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है. समय पर निगरानी और उचित नियंत्रण उपायों से इस कीट को रोका जा सकता है, जिससे आम की बेहतर पैदावार सुनिश्चित की जा सके.

मधुआ कीट की पहचान

  • छोटे, पीले-भूरे या हरे रंग के पतले शरीर वाले कीट
  • अंडाकार और पंखयुक्त शरीर
  • पत्तियों और फूलों से चिपके रहते हैं और हल्के स्पर्श से तेजी से उछलते हैं
  • पत्तियों पर चिपचिपा पदार्थ (हनीड्यू) दिखाई देना
  • फूल और छोटे फल झड़ना

मधुआ कीट के प्रभाव

  • पौधों का विकास प्रभावित होता है
  • फूल और फल गिरने लगते हैं
  • उत्पादन क्षमता में भारी कमी
  • सूट मोल्ड के कारण पत्तियों का काला पड़ना

मधुआ कीट का प्रभावी प्रबंधन

कृषि संबंधी उपाय

बाग की सफाई एवं छंटाई – संक्रमित शाखाओं को हटाकर जलाएं

समुचित वायु संचार सुनिश्चित करें – घने पेड़ों के बीच दूरी बनाए रखें

संतुलित उर्वरक प्रबंधन – नाइट्रोजन की अधिकता से बचें, क्योंकि यह कीट वृद्धि को बढ़ावा देती है

रासायनिक नियंत्रण

  • कीटों की अधिकता होने पर उचित कीटनाशकों का प्रयोग करें
  • फूल बनने के एक सप्ताह पहले या फूल बनने की अवस्था में....
  • इमिडाक्लोप्रिड @ 0.5 मिली/लीटर
  • लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन @ 0.5 मिली/लीटर
  • थियामेथोक्सम @ 0.5 ग्राम/लीटर
  • इन कीटनाशकों का प्रभावी छिड़काव करें
  • कम घनत्व (4 हॉपर/पैनिकल से अधिक) होने पर.....
  • एजाडिरैचटिन (नीम आधारित) 1% @ 3 मिली/लीटर – जैविक नियंत्रण के लिए उपयोग करें
  • जैविक नियंत्रण (ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए)
  • मेटारिज़ियम एनिसोप्लिया या बीवेरिया बेसियाना @ 5 ग्राम/लीटर का प्रयोग करें.
  • जैविक बागों के लिए अनुकूल
  • प्राकृतिक शत्रु जैसे क्राइसोपा और लेडी बीटल को संरक्षण दें.

विशेष सावधानियां

  • फूल बनने की अवस्था में अत्यधिक कीटनाशकों का उपयोग न करें.
  • जैविक और रासायनिक विधियों का संयोजन करें.
  • छिड़काव सुबह या शाम को करें, जब मधुमक्खियों की गतिविधि कम हो.
English Summary: Biological and chemical control of honeydew insect of mango complete prevention process
Published on: 24 February 2025, 02:52 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now