हरसिंगार को ऐसे ही पश्चिम बंगाल का राजकीय पुष्प घोषित नहीं किया गया है। इसके पुष्प जितने सुंदर और सुगंधित है उससे ज्यादा वह हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद हैं। इस फूल में खास तरह की औषधि होती है जो गठिया, बवासीर, गंजापन, मलेरिया, डेंगु, चिकुनगुनिया समेत कई तरह की बीमारियों में काम आता है। अंग्रेजी में इसे नाइट जेस्मिन और ऊर्दू में इसे गुलजाफरी कहा जाता है। हरसिंगार के फूल की खासियत यह है कि ये पुष्प रात में खिलकर वातावरण को सुंगधित करते है और बाद में झड़ जाते है। रात के समय इसके छोटे-छोटे सफेद फूल आते है और इन फूलों की डंडी नारंगी रंग की होती है। इसका वनस्पतिक नाम निक्टेन्थिस आर्बोट्रिस्टिस है। इसमें सबसे विशेष गुण सायटिक रोग को दूर करने का है। ये देशभर में पैदा होता है।
हरसिंगार के फायदेः
1. मलेरिया, डेंगुः किसी भी प्रकार की बीमारी या बुखार में हरसिंगार की पत्तियों की चाय पीना बेहद बहुत ही फायदेमंद होता है। डेंगु से लेकर मलेरिया व चिकुनगुनिया तक हर तरह के बुखार को खत्म करने की इसमें क्षमता होती है। चाहें मलेरिया बुखार हो तो हो चम्मच हरसिंगार के पत्ते का रस के साथ दो चम्मच अदरक का रस मिलकार पीने से सुबह काफी लाभ होता है।
2. बबासीरः बबासीर के लिए हरसिंगार के बीज रामबाण औषधि माने गए है। इसके लिए बीज का सेवन नियमित रूप से किया जाना चाहिए। इससे बवासीर का रोग आसानी से ठीक हो जाएगा। यदि गुदा द्वार में सूजन और मस्से हों तो हरसिंगार के बीज का लेपन लगाकर मालिश करना चाहिए।
3. गठिया रोगः हरसिंगार के बीजों को पानी के साथ पीसकर पानी में उबाले, और तब तक कि इसकी मात्रा आधई ना हो जाए। अब इसे ठंडा करके प्रतिदन खाली पेट पिएं। इससे सालों पुराना गठिया रोग भी दूर हो जाता है।
4. त्वचा रोगः हरसेंगार की पत्तियों को पीसकर त्वचा पर होने वाले रोगों में लाभ मिलता है और त्वचा संबंधी समस्या दूर होती है। हरसिंगार फूल का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा उजला और चमकदार हो जाता है। त्वचा रोगों में इसका तेल काफी उपयोगी होता है।
5. सूखी-खांसीः हरसिंगार की दो-तीन पत्तियां को पीस कर एक चम्मच शहद में मिलाकर सेवन करने से सूखी खांसी आसानी से दूर हो जाती है। इसकी पत्तियों को उबाल कर पीने से काफी फायदा मिलता है। जब यह अच्छी तरह से उबल जाए तो इसे छानकर गुनगुना या ठंडा करके पी लें।
6. मांस पेशियों का दर्दः दोचम्मच हरसिंगार के पत्तों का रस एवं दो चम्मच अदरक का रस आपस में मिलाकर प्रातः खाली पेट पीने से मांसपेशियों का दर्द समाप्त हो जाता है। हरसिंगार के दो पत्ते और चार फूलों को पांच से छह कप पानी में उबालकर, पांच कप चाय आसानी से बनाई जा सकती है। इसमें दूध का इस्तेमाल नहीं होता। यह स्फूर्तिदायक होती है और दर्द का निवारण करती है।