अगर आपके पास एक एकड़ जमीन है तो फिर आपको नौकरी तलाशने की जरूरत नहीं आप इसी से अच्छी खासी इनकम कर सकते हैं. इतनी जमीन में आप सहजन की खेती कर 6 लाख रुपए सालाना तक कमा सकते हैं. सहजन को अंग्रेजी में ड्रमस्टिक भी कहा जाता है.
इसका वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलीफेरा है. इसकी खेती में पानी की बहुत जरूरत नहीं होती और रखरखाव भी कम करना पड़ता है. एग्रोग्रेन फार्फिंग के एक्सपर्ट राकेश सिंह के मुताबिक, सहजन की खेती काफी आसान पड़ती है और आप बड़े पैमाने नहीं करना चाहते तो अपनी सामान्य फसल के साथ भी इसकी खेती कर सकते हैं.
सहजन का करीब करीब हर हिस्सा खाने लायक होता है. इसकी पत्तियों को भी आप सलाद के तौर पर खा सकते हैं. सहजन के पत्ते, फूल और फल सभी काफी पोषक होते हैं. इसमें औषधीय गुण भी होते हैं. इसके बीज से तेल भी निकलता है.
यह गर्म इलाकों में आसानी से फल फूल जाता है. इसको ज्यादा पानी की भी जरूरत नहीं होती. सर्द इलाकों में इसकी खेती बहुत प्रॉफिटेबल नहीं हो पाती क्योंकि इसका फूल खिलने के लिए 25 से 30 डिग्री तापमान की जरूरत होती है. यह सूखी बलुई या चिकनी बलुई मिट्टी में अच्छी तरह बढ़ता है. पहले साल के बाद साल में दो बार उत्पादन होता है और आमतौर पर एक पेड़ 10 साल तक अच्छा उत्पादन करता है. इसकी प्रमुख किस्में हैं - कोयम्बटूर 2, रोहित 1, पी.के.एम 1 और पी.के.एम 2.
इतनी हो सकती है सहजन के पेड़ से कमाई (There can be so much earning from drumstick tree)
एक एकड़ में करीब 1500 पौधे लग सकते हैं. सहजन के पेड़ मोटे तौर पर 12 महीने में उत्पादन देते हैं.
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पेड़ अगर अच्छी तरह से बढ़े हैं तो 8 महीने में ही तैयार हो जाते हैं. कुल उत्पादन 3000 किलो तक हो जाता है. सहजन का फुटकर रेट आमतौर पर 40 से 50 रहता है. थोक में इसका रेट 25 रुपए के आसपास होता है. इस तरह से 7.5 लाख का उत्पादन हो सकता है. अगर इसमें से लागत निकाल दें तो 6 लाख तक का फायदा हो सकता है.
सहजन की खेती पर कितना फिसद मिलती है सब्सिडी (How much subsidy is available on drumstick cultivation)
अगर बात करें, बिहार राज्य की तो वहां सरकार ने 150 हेक्टेयर में सहजन की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से सहजन की खेती करने वाले किसान को प्रति हेक्टेयर 74 हजार में 50 फिसद यानी 37 हजार रुपए की दो किस्तों में सब्सिडी दी जाएगी.