देश में पशुओं की देखभाल के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों मिलकर काम कर रही हैं. हाल फिलहाल में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपने राज्य में पशुओं की सुरक्षा के लिए पशु एम्बुलेंस सुविधा (Animal ambulance facility) डायल 1962 का शुभारंभ किया. ताकि पशुओं से संबंधित बीमारी का तुरंत इलाज किया जा सके और उन्हें एंबुलेंस के द्वारा डॉक्टर के पास पहुंचाया जा सके. अब इसी कड़ी में राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) ने भी अपने राज्य में पशुओं की सुरक्षा को लेकर एक नई पहल की शुरुआत की है. दरअसल, सरकार राज्य के लगभग 900 ग्राम पंचायतों में पशु चिकित्सा उपकेंद्र (veterinary sub-centre) को बनाने का निर्णय लिया है. इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपकेंद्र खोलने और उन्हें सही तरीके से चलाने के लिए नवीन पद सृजन को मंजूरी भी दे दी है.
राज्य में 1800 नवीन पदों का होगा सृजन
बता दें कि सरकार के इस फैसले के बाद से राज्य के उप केंद्र में एक पशुधन सहायक (livestock assistant) और एक जलधारी के रूप में नवीन पद का भी सृजन किया जाएगा. इसके लिए कुल 1800 पदों का भी सृजित किया जाएगा. प्रदेश में यह खुलने के बाद पशुपालकों को कई तरह के लाभ प्राप्त होंगे, जो उनके पशुओं के जीवन को सरल कर देंगे. बताया जा रहा है कि पशुओं से संबंधित बीमारियों की जांच तथा उपचार की बेहतर सुविधाएं स्थानीय स्तर पर ही सरलता से मिलेगी और अन्य कई तरह की जानकारी भी उन्हें एक ही स्थान पर सरलता से मिल जाएगी.
आपकी जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोलने की जानकारी खुद CMO Rajasthan ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए दी है. ताकि लोगों इसका लाभ सरलता से प्राप्त कर सके और भविष्य में अपने पशुओं की देखभाल के लिए इधर-उधर न भटके.
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प्रदेश में 3 चरणों में खुलेंगे उपकेंद्र
राजस्थान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, मुख्यमंत्री द्वारा 2023-24 के बजट में नवगठित 1200 ग्राम पंचायतों और पशु चिकित्सा संस्था विहीन पुरानी 1439 ग्राम पंचायतों में उप केन्द्र खोले जाने के लिए घोषणा की गई थी. इस घोषणा क बाद अब साल 2023-24 में 900 उपकेंद्र बनेंगे और साल 2024-25 में 900 उपकेंद्र फिर साल 2025-26 में 839 उपकेंद्र बनकर तैयार होंगे. इस तरह से पूरे प्रदेश में 3 चरणों में पशु चिकित्सा उप केंद्र खोले जाएंगे.