आज के समय में खेती बाड़ी के साथ- साथ पशुपालन के काम में किसानों की रूचि बढ़ रही है. भारत में पशुपालन का कार्य व्यापक रूप से किया जाता है. भारत पशुपालन (animal husbandry) के क्षेत्र में विश्व में दुसरे स्थान पर आता है.
बता दें कि पूरे भारत में भैंस की 109.9 मिलियन आबादी है. वहीं भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में भैसों की सबसे अधिक आबादी पायी जाती है.
इसी क्रम आज हम अपने इस लेख में आपको भैंस की एक विशेष नस्ल के बारे में बताने जा रहे हैं जो अधिक मात्रा में दूध का उत्पादन करती हैं. इन्ही में से एक हैं सूरती नस्ल की भैंस. ऐसे में आइये जानते हैं भैंस की इस नस्ल की खासियत के बारे में-
सूरती नस्ल भैंस की विशेषता (Characteristics of Surti Breed Buffalo)
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सूरती नस्ल की भैंस आमतौर पर गुजरात राज्य में पायी जाती है.
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यह रंग में भूरे एवं काले रंग की होती है.
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इसके सींग आकार में नुकीले एवं मध्यम आकार के होते हैं.
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इस नस्ल की भैंस एक ब्यान्त में 900 – 1300 लिटर दूध देती है.
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सूरती नस्ल की भैंस के वजन की बात करें तो इस नस्ल की नर प्रजाति का वजन लगभग 430 किलोग्राम से 440 किलोग्राम और मादा प्रजाति का वजन लगभग 400 किलोग्राम से 410 किलोग्राम होता है.
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इस नस्ल की सबसे बड़ी ख़ासियत है कि, इस नस्ल की भैंस के दूध में बहुत अधिक वसा की मात्रा होती है.
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इस नस्ल की भैंस पशुपालन के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है.
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इस नस्ल की भैंस में स्तनपान की अवधि लगभग 290 दिन की होती है.
भैंस पालन हेतु ध्यान रखने वाली बातें (Things to keep in mind for buffalo farming)
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यदि आप भैंस पालन करते हैं तो आप सबसे पहले उनके आहार पर विशेष ध्यान रखना होगा.
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उन्हें समय – समय पर पौष्टिक आहार दें, जिससे उनके दूध उत्पादन की क्षमता अच्छी बनी रहे.
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समय-समय पर पशुओं का टीकाकरण कराएँ.
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समय-समय पर पशुओं को स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर उनके स्वस्थ्य की जांच कराएं.
- पशुओं की अच्छी देखभाल करने से पशु हमेशा स्वस्थ्य रहता है . इसलिए सभी पशुपालक अपने जानवरों का समय से बीमा करवा लें
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