Summer Poultry Care: जैसे-जैसे गर्मी का पारा चढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे पोल्ट्री फार्मिंग से जुड़े किसानों की चिंताएं भी बढ़ने लगी हैं. बढ़ते तापमान का सीधा असर मुर्गियों की सेहत और उत्पादन (अंडा और मांस) पर पड़ता है. गर्मी में अगर सावधानी न बरती जाए, तो मुर्गियों की मृत्यु दर बढ़ सकती है और अंडा उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है.
इन्हीं खतरों को ध्यान में रखते हुए, बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने मुर्गीपालकों को एक विस्तृत सलाह जारी की है. इसमें गर्मियों के दौरान पोल्ट्री फार्म को सुरक्षित, स्वच्छ और उत्पादक बनाए रखने के लिए आसान लेकिन बेहद जरूरी उपाय बताए गए हैं.
तापमान नियंत्रण है सबसे जरूरी
पोल्ट्री शेड में वेंटिलेशन यानी पर्याप्त हवादारी बहुत जरूरी है. शेड की छत पर सफेद चूना या रिफ्लेक्टिव पेंट करने की सलाह दी गई है, जिससे सूरज की गर्मी कम असर करें. इसके अलावा, शेड की छत पर घास, बोरा या टाट बिछाकर पानी छिड़कना चाहिए ताकि अंदर का तापमान नियंत्रित रहे. यदि संभव हो तो फैन, कूलर और वाटर फॉगिंग सिस्टम भी लगाए जा सकते हैं, जिससे मुर्गियों को गर्मी से राहत मिले.
पानी का रखें विशेष ध्यान
गर्मी में डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) का खतरा सबसे बड़ा होता है. इसलिए मुर्गियों को हमेशा साफ और ठंडा पानी उपलब्ध कराना चाहिए. दिन में दो से तीन बार पानी की टंकियों को भरें और इन्हें छाया में रखें. विभाग ने पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स और विटामिन C मिलाने की भी सलाह दी है, जिससे मुर्गियों की ऊर्जा बनी रहे और वे गर्मी के तनाव से बच सकें.
आहार का सही प्रबंधन
मुर्गियों को सुबह और शाम के ठंडे समय में दाना दें. गर्मी में हाई प्रोटीन आहार से बचना चाहिए और इसके बजाय एनर्जी रिच भोजन देना चाहिए. खानपान में जरूरी खनिज और विटामिन की मात्रा बढ़ाने से उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है.
स्वास्थ्य और साफ-सफाई भी है जरूरी
गर्मी में तनाव कम करने वाले सप्लीमेंट्स देना, टीकाकरण और डि-वॉर्मिंग का नियमित पालन करना बेहद जरूरी है. बीमार मुर्गियों को तुरंत अलग कर दें ताकि संक्रमण न फैले. साफ-सफाई का ध्यान रखें—फार्म और बिछावन (लीटर) को सूखा और स्वच्छ रखें. समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव भी करते रहें.
पशुपालन निदेशालय के द्वारा जारी किया गया संदेश
पशुपालन निदेशालय ने यह सलाह जनहित में जारी की है ताकि राज्य के मुर्गीपालक गर्मी के मौसम में होने वाले संभावित नुकसान से बच सकें और उत्पादन में कमी न आए. सरकार की यह पहल न सिर्फ पोल्ट्री व्यवसाय को सुरक्षित रखने का कार्य कर रही है, बल्कि यह छोटे और मध्यम किसानों की आमदनी को भी संरक्षित करने का प्रयास है.