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Updated on: 17 June, 2019 12:00 AM IST

हमारे देश में गाय को  माता का दर्जा प्राप्त है, प्राचीन काल से गाय की पूजा होती आयी है. गाय को एक उच्च स्थान प्राप्त है. गाय का दूध बहुत ही लाभकारी होता है.हमारे बुजुर्ग कहते हैं कि इसका का दूध निरोगा होता है .यह बात एकदम सही है. इसलिए भारत  में गाय और इनकी नस्लों को बचाने के लिए कई  योजनाए चलायी जा रही हैं साथ ही  अनुसन्धान किये जा रहे हैं. अधिक दूध देने वाली गाय कि नस्लों को तैयार किये जाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसी की बदौलत भारत  विश्व स्तर पर अग्रणी दूध उत्पादक देश बन गया है. दूध के उत्पादन को और अधिक बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है. इसलिए गाय कि नस्लों में सुधार किया जा रहा है. कुछ समय पहले  हरियाणा के  लाला लाजपत राय पशु-चिकित्सा एंव पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास)  के वैज्ञानिकों ने गाय कि नयी नस्ल हरधेनु गाय को तैयार किया था. यह एक अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल है इसके दूध में वसा की मात्रा 3.8 प्रतिशत है। इस गाय  दो ब्यांत का अंतराल सिर्फ 13 माह का है। जीरो डिग्री सेंटीग्रेट से लेकर 48 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान में प्रजनन एवं उत्पादन क्षमता बनाए रखने में सक्षम है। इनका देशी गायों की तरह पालन-पोषण किया जा सकता है। देशी गायों की प्रतिदिन दूध उत्पादन की क्षमता 15 से 18 किलो है जबकि यह गाय 50 लीटर दूध प्रतिदिन देती है.

इस गाय की  नस्ल  को उत्तरी-अमेरीकी (होल्स्टीन फ्रीजन), देसी हरियाणा और साहीवाल नस्ल कि क्रॉस ब्रीडिंग करके तैयार किया गया  है. इसमें 62.5 प्रतिशत हॉल स्टीन, 27.5 प्रतिशत साहीवाल व 10 प्रतिशत हरियाणा नस्ल के क्रास का कांबिनेशन सबसे अच्छा पाया गया है  इस समय इस नस्ल कि लगभग २५० से अधिक गाय उपलब्ध है और इनकी संख्या बढ़ने पर जोर दिया जा रहा है. इस गाय की नस्ल के सांड का सीमन भी उपलब्ध है जिससे की इस नस्ल को  बढ़ाने में मदद मिल रही है यदि कोई भी किसान इस हरधेनु गाय का सीमन लेना चाहते हैं तो इसके लिए निचे दिए गए न. पर संपर्क कर सकते हैं. 0166-  2256101, 0166- 2256065.

English Summary: Hardhenu cow produce 50 liter milk in a day.
Published on: 17 June 2019, 04:25 IST

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