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Updated on: 12 February, 2021 12:00 AM IST
Succesful Dairy Farming

निदान के लिए परीक्षण आयोजित करना डेयरी फार्म को सफलतापूर्वक चलाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. जानवरों और मनुष्यों को प्रभावित करने वाले रोगों के प्रकारों में वृद्धि के कारण डेयरी पशुओं की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी करना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है.

स्वास्थ्य समस्याओं का जल्दी पता लगाने से आपको समस्या के शुरुआती चरणों में सुधारात्मक कार्रवाई करने में मदद मिलेगी. इससे पशु को जल्दी ठीक होने में मदद मिलेगी. यह आपको दवाओं के उपयोग को कम करने और जानवरों को एंटीबायोटिक दवाओं के लिए प्रतिरोधी होने से रोकने में भी मदद करेगा. जब जानवर एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं, तो यह उनकी स्वास्थ्य समस्या को और भी बदतर कर देता है.

जब भी आपके डेयरी व्यवसाय के जानवर बीमार पड़ते हैं, तो आप पशु चिकित्सकों के माध्यम से उनका इलाज करवाते हैं. डेयरी जानवरों में, कभी-कभी बीमारी की गंभीरता अधिक होती है. पशुओं को ठीक होने में समय लगता है. इस अवधि के दौरान दूध का उत्पादन गिरता है. कभी-कभी, जानवरों को गंभीर बीमारी के कारण मरने का खतरा होता है. इसलिए, पशु चिकित्सकों के लिए ऐसे समय में रोग का निदान करने में मदद करना महत्वपूर्ण है. कुछ प्रयोगशाला परीक्षण जानवरों के डॉक्टरों को, जानवरों का इलाज आसान और तेज़ बनाते हैं. इससे आपके जानवरों को जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है.

चित्र: डायग्नोस्टिक टेस्ट

आइए जानें पांच अलग परीक्षणों के बारे में जो आपके डेयरी फार्म में उपयोगी होंग

1. परजीवी की उपस्थिति का पता लगाने के लिए गोबर परीक्षण

प्रत्येक डेयरी फार्म में नियमित रूप से, हर ढाई  से तीन  महीने के अंतराल पर मल या गोबर में परजीवीयों की उपस्थिति का वैज्ञानिक परीक्षण किया जाना चाहिए. शरीर के अंदर परजीवी हमेशा दुधारू पशुओं के पोषण के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं. ये आंतरिक परजीवी, पशुओं के प्रतिरक्षी तंत्र को दबाने और दूध उत्पादन में कमी का कारण बनते हैं. राउंडवॉर्म और टेप वर्म के अलावा, कुछ अन्य प्रकार के परजीवी हैं जो डेयरी जानवरों के शरीर के अंदर पाए जाते हैं. वे लिवर फ्लूक और सिस्टोसोम, आंख के कीड़े, हृदय के कीड़े आदि हैं.

2. उप-नैदानिक स्तनदाह के लिए परीक्षण

उप-नैदानिक स्तनदाह या सुब क्लीनिकल मेस्टाइटिस डेयरी पशुओं में थन का संक्रमण है. इसमें पशु को दूध उत्पादन में कमी के अलावा कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है. आपको बुखार या थन आदि में कोई सूजन नहीं दिखाई देगी लेकिन दूध का उत्पादन कम हो जाएगा. दूध में उच्च संख्या में सूक्ष्मजीव और सोमेटिक सेल या दैहिक कोशिकाएं जो संक्रमण से लड़ती हैं, पाए जायेंगे. 200,000 से अधिक कोशिकाय प्रति एमएल दूध में पाए जाने से उप-नैदानिक स्तनदाह होना निश्चित हो जाता है. कैलिफोर्निया मास्टिटिस टेस्ट उप-नैदानिक मास्टिटिस का पता लगाने के लिए किया जाता है. फार्म में इस परीक्षण को करने के लिए रेडीमेड किट और रीएजेंट पाए जाते हैं.

3. पानी के लिए परीक्षण

डेरी पशु प्रति लीटर दूध उत्पादन के लिए 5 लीटर पानी का उपभोग करते हैं. पानी का परीक्षण टीडीएस (टोटल डिसॉल्वेबल सोलिड्स), पीएच और प्रदूषकों के लिए किया जाना चाहिए. डेयरी गायों के पीने के पानी लिए 1,000 मिलीग्राम प्रति लीटर (मिलीग्राम /एम  एल) से कम  टी. डी. एस आदर्श है. 5.1 से कम पीएच वाले अम्लीय पानी से हल्के एसिडोसिस से संबंधित समस्याएं बढ़ सकती हैं, जबकि 9.0 से अधिक पीएच वाले पानी के परिणामस्वरूप हल्के क्षारीयता से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं. आयरन, मैगनीज और हाइड्रोजन सल्फाइड जैसे प्रदूषक डेयरी पशुओं में समस्या पैदा करते हैं. ये प्रदूषक स्वाद या गंध का कारण बनते हैं जिसके परिणामस्वरूप पानी का सेवन कम होता है और दूध का उत्पादन कम होता है.

4. पशु-आहार और विभिन्न चारे के लिए परीक्षण

एक डेयरी किसान के रूप में हमारे अनमोल पशुओं को गुणवत्तापूर्ण पशु-आहार और चारा उपलब्ध कराना आपकी एक जिम्मेदारी बनती है. आहार और आहार-सामग्री की गुणवत्ता डेयरी पशुओं के स्वास्थ्य और उत्पादन क्षमता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और यह सीधे तौर पर डेयरी किसान के लाभ या नुकसान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जब आप पशु-आहार या इसके घटकों को बदलने जा रहे होते हैं, तो आहार के विभिन्न घटकों और इनकी गुणवत्ता का विश्लेषण किया जाना चाहिए. आपको पशु-आहार या चारे के गुटों के विभिन्न हिस्सों से यादृच्छिक रूप से सैंपल लेना चाहिए और उन्हें प्लास्टिक की थैलियों में इकट्ठा करके उसे सील करके विश्लेषण प्रयोगशाला में भेजना चाहिए.

यदि आप अपने डेयरी पशुओं के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखना चाहते हैं, तो आपको वैज्ञानिक प्रबंधन प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता होगी, जिसमें सवास्थ और दूध उत्पादन की निरंतर निगरानी शामिल है. अपने फार्म में बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए आपको बीमारियों की रोकथाम पर ध्यान देना होगा. इसके लिए आपको समस्याओं का जल्द निदान करना होगा और समय पर अपने पशुओं का इलाज करने के लिए पशु चिकित्सक से संपर्क करना होगा. अक्सर किसी भी स्वास्थ्य समस्या के शुरुआती चरणों में  सही पोषण प्रदान करने या अपनी प्रबंधन शैली बदलने से बीमारी के रोकथाम में मदद करता है.

ये परिवर्तन बीमारी के प्रसार को रोकने में मदद करते हैं. ऊपर उल्लिखित सभी परीक्षण बहुत कम लागत पर किए जा सकते हैं. इस तरह के परीक्षण आपके डेयरी जानवरों के लिए दवाओं के उपयोग को कम करने और अंततः लागत में कमी लाने में आपकी मदद करेंगे.

सफल डेयरी फार्मिंग के लिए नैदानिक और प्रयोगशाला परीक्षणों के बारे में अधिक जानने के लिए, टेपलू  द्वारा प्रस्तुत ऑनलाइन पाठ्यक्रम में भाग ले. पाठ्यक्रम देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें: https://cutt.ly/6kAYakW

English Summary: Five important diagnostic tests for successful dairy farming
Published on: 12 February 2021, 05:23 IST

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