Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 17 September, 2019 12:00 AM IST

पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के जलाशयों में मछली का उत्पादन बढ़ाने पर खासा जोर दिया जा रहा है. इसके लिए इस बार 70 एमएम से अधिक के आकार का बीज डाला जाएगा और इस दिशा में प्रक्रिया को शुरू भी किया जाएगा. इसके तहत गोविंदसागर में मत्स्य निदेशक सतपाल मेहता की देखरेख में 4.19 लाख मछली के बीजों को डाला जा चुका है कुल 10 से 12 लाख सिल्वर कॉर्प प्रजाति की मछली का बीज को डालने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है. साथ ही यहां के पौंगडैम, चमेरा, कोलडैम में भी पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा बीज को डालने का निर्णय लिया गया हैं

12 लाख मछलियों के बीज डलेंगे

हिमाचल के गोविंदसागर में मछली की ग्रोथ बेहतर ग्रोथ पाई गई है. इसके बाद हमने यह तय किया गया है कि पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा मछली का बीज डाले जाएं. इस प्रक्रिया के तहत 4.19 लाख मछली के बीज डाले गए है. उन्होंने कहा कि गोविंदासागर जलाशय में 10 से 12 लाख मछली के बीज डालने की योजना हैं,

रोहू और कतला का होगा उत्पादन

मछली के बीज पश्चिम बंगाल से मंगवाए गए है. बीज की अगली खेप जल्द ही बिलासपुर पहुंचने की उम्मीद है.उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में स्थापित फार्मों में उत्पादित बीज भी जलाशयों में डाला जाएगा. उन्होंने बताया कि पौंगडैम में 8 से 10 लाख मछली के बीज को डाला जाएगा. इस जलाशय में भारतीय मेजर कार्प रोहू, कतला, मृगल प्रजाति का बीज डाला जाएगा.

भाखड़ा डैम में सिल्वर कार्प

मत्स्य निदेशक ने बताया कि भाखड़ा डैम में भी जल्द ही केज में सिल्पर कार्प का 20 से 25 एमएम का बीज डाला जाएगा. भाखड़ा में कुल 28 केज है और एक केज में आठ से दस हजार बीज को डाला जाएगा. उन्होंने बताया कि मछली का आकार 100 एमएम होने पर इसको जलाशय में डाल दिया जाएगा. केज में मछली की ग्रोथ बेहतर ढंग से होती है, यहां पर डेढ़ से दो लाख मछली के बीज डालने की योजना है.

English Summary: Emphasis on increasing fish production in the pond in Himachal Pradeshc
Published on: 17 September 2019, 07:06 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now