पशुपालन में हमारा देश बहुत आगे है. गाय-भैंस के बाद भेड़ और बकरी पालन का व्यवसाय लोकप्रियता के मामले में तीसरे नंबर पर आता है. भारत का एक बड़ा वर्ग भेड़ों के सहारे अपना जीवन यापन कर रहा है. लाखों लोगों के लिए ये कमाई का मुख्य श्रोत हैं. कम लागत में ज्यादा मुनाफा होने के कारण आज युवा वर्ग भी भेड़ पालन के कार्य से जुड़ने लगे हैं. इससे मिलने वाले उत्पादों जैसे- मांस, ऊन, खाद, दूध, चमड़ा आदि की भारी मांग है. ऐसे में आप भी भेड़ पालन का कार्य कर सकते हैं.
अक्सर भेड़ों को खरीदते समय अफवाहों या गलत जानकारी के अभाव में लोग कुछ गलतियां करते हैं. यूपी, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भेड़ पालन प्रमुखता से किया जाता है, लेकिन यहां के किसान भी भेड़ों को खरीदते समय कई बार नुकसान का सौदा कर आते हैं. चलिए आज हम आपको कुछ ऐसी ही गलतियों और उनसे बचने के तरीकों के बारे में बताते हैं.
भेड़ की उम्र कम होनी चाहिए (Sheep age should be less)
भेड़ खरीदने जा रहे हैं तो इस बात का खास ख्याल रखें कि उसकी उम्र 1 से 2 साल से अधिक न हो. वहीं उनके दांतों की संख्या भी 2-4 से अधिक न हो. अगर भेड़ों को खुजली की शिकायत है, तो उन्हें खरीदने से बचे. उनके प्रजनन क्षमता की खास पड़ताल और पूछताछ करें. भेड़ों के दांत उनकी सेहत के बारे में बहुत कुछ बता देते हैं, इसलिए उनके दांतों पर खास ध्यान दें. अगर 6 से अधिक दांत टूटे हुए हैं, तो ऐसे भेड़ों को खरीदना घाटे का सौदा है.
आंखों की जांच है जरूरी (Eye check up is necessary)
भेड़ों को खरीदते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि कहीं वो लंगडी, ऊन गिरने वाली और उदास तो नहीं. अगर ऐसे लक्षण दिखाई दे तो उन्हें न खरीदें. उनकी आंखों की जांच करें, आंखें साफ और चमकदार होनी चाहिए. ध्यान रहे कि भेड़ों में सामान्य रूप से थनैला जैसी बीमारियां होती है, इसलिए खरीदने से पहले थानों की जांच जरूर करें.
सरकारी योजनाओं का उठाएं लाभ (Take advantage of government schemes)
वैसे इस व्यवसाय के लिए कई राज्यों में लाभकारी योजनाएं चलाई जा रहीं हैं. इन योजनाओं का लाभ उठाकर आप भी इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं. योजनाओं की जानकारी कृषि जागरण के न्यूज़ पोर्टल पर उपलब्ध है, जिसे आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं.