GFBN Story: गन्ने और केले की स्मार्ट खेती से हिमांशु नाथ ने रचा सफलता का इतिहास, सालाना टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा! GFBN Story: लाख की खेती से मिलन सिंह विश्वकर्मा को मिली बड़ी पहचान, सालाना कमा रहे हैं भारी मुनाफा! GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 31 May, 2025 12:00 AM IST
Camel Milk: NRCC बीकानेर ने बताए ऊंटनी के दूध से जुड़े अहम तथ्य (Image Source: Freepik)

Camel Milk: ऊंटनी का दूध अब सिर्फ रेगिस्तानी इलाकों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह भारत के अन्य राज्यों में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. बीकानेर स्थित नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन कैमल (NRCC) ऊंटनी के दूध को “भविष्य का दूध” यानी फ्यूचर मिल्क मानते हुए इसके उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा दे रहा है. बीकानेर के नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन कैमल (NRCC) की रिसर्च बताती है कि यह दूध न सिर्फ पोषण से भरपूर है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों में भी फायदेमंद है. टाइप-1 डायबिटीज, ऑटिज्म और एलर्जी जैसी समस्याओं में इसके लाभ देखे गए हैं. ऊंटनी के दूध में फैट की मात्रा कम होती है और इसमें इंसुलिन की मात्रा ज्यादा होती है, जो इसे खास बनाती है.

वहीं, ऊंटनी के दूध से कई तरह के डेयरी प्रोडक्ट जैसे कुल्फी, पनीर, गुलाब जामुन और दूध पाउडर भी बनाए जा रहे हैं. राजस्थान के पाली जिले से यह दूध स्पेशल ट्रेनों द्वारा देश के अन्य हिस्सों में भेजा जा रहा है. अब इसे आम लोगों के लिए भी रोज़मर्रा की डाइट में शामिल करने की तैयारी हो रही है.

ऊंटनी का दूध से जुड़ी महत्वूपर्ण बातें

  • ऊंटनी के दूध में फैट की मात्रा 5% से 3.5% तक होती है, जो गाय और भैंस के दूध से कम है.
  • ऊंटनी के दूध में लगभग 40 µIU/ml तक इंसुलिन पाई जाती है, जो इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए उपयोगी बनाती है.
  • ऊंट रिसर्च सेंटर द्वारा इससे चाय, कॉफी, फ्लेवर्ड मिल्क, कुल्फी, पनीर, मावा, गुलाब जामुन, रसगुल्ला, पेड़ा, दूध पाउडर आदि बनाए जा रहे हैं.
  • रिसर्च सेंटर का कहना है कि बिना पाश्चुरीकृत दूध पीने से संक्रमण का खतरा होता है. इसलिए हमेशा प्रोसेस्ड दूध ही पीना चाहिए.
  • इसके दूध मौजूद प्राकृतिक इंसुलिन और अन्य पोषक तत्व टाइप-1 डायबिटीज और तपेदिक जैसी बीमारियों में मददगार हैं.
  • ऊंटनी के दूध की प्रोटीन संरचना इंसानी दूध से मिलती-जुलती है, इसलिए गोजातीय दूध से एलर्जी वाले बच्चों के लिए यह फायदेमंद है.

देश के कई हिस्सों में सप्लाई

पाली, राजस्थान से ऊंटनी का दूध स्पेशल ट्रेनों द्वारा देश के कई राज्यों में सप्लाई किया जा रहा है. खासतौर पर ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के लिए इसकी सप्लाई को प्राथमिकता दी जा रही है.

English Summary: Camel milk beneficial diseases NRCC research News Update
Published on: 31 May 2025, 11:29 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now