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Updated on: 4 September, 2022 12:00 AM IST
Makhana Development Scheme

मखाने को अपने बेहतरीन स्वाद व अनोखे दिखने के लिए जाना जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व भर में सबसे अधिक मखाने की खेती भारत में ही की जाती है और वहीं भारत में इसकी खेती बिहार में सबसे अधिक की जाती है.

मखाना दिखने में जितना सुंदर व खाने में स्वाद होता है. उससे कई ज्यादा पौष्टिकता से भरपूर भी होता है. इस फल का इस्तेमाल कई तरह की चीजों को बनाने के लिए भी किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मखाना की खेत करने से किसानों को डबल फायदा पहुंचता है और साथ ही इस खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार मखाने पर अच्छी सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है.

इस योजना के तहत मिल रही सब्सिडी (Subsidy available under this scheme)

बिहार सरकार राज्य के किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के लिए और खेती-किसानों की तरफ लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार मखाने का उत्पादन पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी की सुविधा दे रही है. किसान भाइयों को यह सब्सिडी मखाना विकास योजना (Makhana Development Scheme) के तहत दी जा रही है. आपको बता दें कि इस योजना की शुरुआत बिहार सरकार के कृषि विभाग उद्यान निदेशालय ने की है. ताकि राज्य में मखाने का उत्पादन बढ़ाया जा सके और किसानों की आर्थिक मदद भी की जा सके.

मखाने के दो बीजों को अधिक प्राथमिकता (Two seeds of makhana have more priority)

सरकार की इस योजना में मखाने के दो उन्नत किस्में के बीजों को बढ़ावा दिया जा रहा है. जो कुछ इस प्रकार से है. सबौर मखाना 1 और स्वर्ण वैदेही प्रभेद बीज है.

कृषि विभाग के द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक, इन दोनों किस्म के बीजों से किसान अपने मखाने के उत्पादन को दोगुना बढ़ा सकता है. जहां सामान्य बीजों से प्रति हेक्टेयर 16 क्विंटल तक मखाने प्राप्त होते हैं और वहीं इन किस्म के बीज से किसानों को प्रति हेक्टेयर 28 क्विंटल मखाने का उत्पादन (production of mines) प्राप्त कर सकते हैं.

75% तक मिलेगी सब्सिडी (Subsidy will be available up to 75%)

बिहार सरकार की योजना के अनुसार किसानों को अब मखाने की खेती करने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. दरअसल मखाने की खेती (Makhana Farming) में कुल लागत लगभग 97 हजार प्रति हेक्टेयर तक आती है, जोकि एक आम किसान के लिए सबसे मुश्किल समस्या है. लेकिन किसान अब मखाना विकास योजना के तहत मखाने की खेती के लिए 75 प्रतिशत तक सब्सिडी प्राप्त कर सकते है. जिसमें उन्हें लगभग 72,750 रुपये प्रति हेक्टेयर प्राप्त होंगे.

ऐसे करें इस योजना में आवेदन (How to apply in this scheme)

अगर आप भी अपने खेत में मखाने की खेती करके लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको 5 सितंबर 2022 से मखाना विकास योजना में आवेदन करना होगा. ध्यान रहे कि यह आवेदन प्रक्रिया 20 सितंबर 2022 तक जारी रहेगी. योजना में आवेदन करने के लिए आपको बिहार उद्यान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा. जहां से आप सरलता से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

English Summary: Up to 75% subsidy will be given on cultivating Makhana, know the process and date of application
Published on: 04 September 2022, 12:43 IST

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