किसानों को आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाने हेतु मध्य प्रदेश सरकार द्वारा "ई-कृषि यंत्र अनुदान" के माध्यम से कृषि यंत्रों पर अनुदान प्रदान किया जा रहा है. इस योजना का उद्देश्य किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान कर कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना है. सरकार द्वारा चयनित यंत्रों जैसे कि स्वचालित हाई ग्राउंड क्लियरेंस स्प्रेयर - बूम टाइप, पावर वीडर, क्लीनर-कम-ग्रेडर, फर्टिलाइज़र ब्रॉडकास्टर एवं मिनी दाल मिल पर अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है.
पात्र किसान 18 अगस्त 2025 से आवेदन कर सकते हैं, जबकि मिनी दाल मिल हेतु आवेदन की अंतिम तिथि 27 अगस्त 2025 तय की गई है. इस योजना से न केवल किसानों की लागत घटेगी, बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि होगी. ऐसे में आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं-
योजना का उद्देश्य
मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम किसानों को उन्नत कृषि यंत्रों की सहायता से खेती को आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है. योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक कृषि पद्धतियों से हटकर यंत्रीकरण को बढ़ावा देना है, जिससे:
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कृषि कार्यों में समय और श्रम की बचत हो.
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उत्पादकता में वृद्धि हो.
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फसल की गुणवत्ता में सुधार हो.
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किसानों की आय में वृद्धि हो.
यह योजना विशेषकर लघु और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है, जिन्हें आधुनिक यंत्रों को खरीदने में आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
लाभार्थी यंत्रों की सूची
ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल के माध्यम से जिन यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है, वे निम्नलिखित हैं:
स्वचालित हाई ग्राउंड क्लियरेंस स्प्रेयर - बूम टाईप: यह यंत्र फसल में कीटनाशक और उर्वरक छिड़काव के लिए अत्यंत उपयोगी है. हालांकि, चयनित जिलों में ही इसका आवेदन किया जा सकता है.
पावर वीडर: खरपतवार नियंत्रण के लिए उपयुक्त, यह यंत्र खेत की सफाई हेतु अति उपयोगी है.
क्लीनर-कम-ग्रेडर: यह यंत्र अनाज की सफाई और ग्रेडिंग के लिए प्रयुक्त होता है, जिससे उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ती है.
फर्टिलाइज़र ब्रॉडकास्टर: उर्वरक के समान वितरण में मदद करता है, जिससे उर्वरक की मात्रा बचती है और फसल की पैदावार बेहतर होती है.
मिनी दाल मिल: यह यंत्र दाल प्रसंस्करण के लिए प्रयोग में लाया जाता है और किसानों को घरेलू स्तर पर प्रसंस्करण की सुविधा प्रदान करता है.
आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन: आवेदन केवल ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर किया जाएगा.
धरोहर राशि के साथ आवेदन: आवेदन के साथ किसान को स्वयं के बैंक खाते से संबंधित जिले के सहायक कृषि यंत्री के नाम से डिमांड ड्राफ्ट (DD) बनवाना होगा. बिना धरोहर राशि के आवेदन मान्य नहीं होगा.
लक्ष्य निर्धारण एवं लॉटरी प्रक्रिया: प्राप्त आवेदनों के आधार पर लक्ष्य निर्धारण किया जाएगा. फिर चयन की प्रक्रिया लॉटरी के माध्यम से की जाएगी, जिसकी सूचना पृथक से प्रकाशित की जाएगी.
जिलेवार विवरण: संबंधित जिले के सहायक कृषि यंत्री की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध है (देखने हेतु लिंक दिया गया है).
महत्वपूर्ण निर्देश
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किसान केवल स्वयं के बैंक खाते से डीडी बनवाएं.
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एक किसान केवल एक यंत्र के लिए आवेदन कर सकता है.
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आवेदन करते समय आधार नंबर और भूमि रिकॉर्ड की जानकारी सही दर्ज करें.
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योजना में पारदर्शिता हेतु सभी चयन लॉटरी प्रणाली से किए जाएंगे.