बिहार सरकार ने राज्य के चौर क्षेत्रों को आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टि से उपयोगी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में "मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना" के तहत सरकार तालाब निर्माण के लिए अनुदान दे रही है. इस योजना का उद्देश्य चौर क्षेत्रों को मछली पालन, बागवानी, कृषि और वानिकी के लिए एकीकृत रूप में विकसित करना है, जिससे ग्रामीण लोगों की आमदनी बढ़े और उन्हें रोजगार के अवसर मिलें. योजना के अंतर्गत तीन अलग-अलग मॉडल में तालाब निर्माण पर सब्सिडी दी जाएगी, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को करीब 70% सब्सिडी दे रही है.
इस योजना का लाभ व्यक्तिगत किसान, किसान समूह और मत्स्य पालन में कार्यरत उद्यमी ले सकते हैं. आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 है, इसलिए इच्छुक लाभार्थी समय पर आवेदन जरूर करें.
तीन मॉडल के तहत मिलेगा अनुदान
- एक हेक्टेयर में दो तालाब – 8.88 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की लागत पर
- एक हेक्टेयर में चार तालाब – 7.32 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की लागत पर
- एक हेक्टेयर में एक तालाब व भूमि विकास – 9.69 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की लागत पर
अनुदान दर
- सामान्य वर्ग को 50% तक अनुदान दिया जाएगा.
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को 70% तक मिलेगा.
- उद्यमी आधारित लाभुकों को 40% तक अनुदान मिलेगा.
कौन कर सकता है आवेदन?
- व्यक्तिगत लाभुक
- किसान समूह
- उद्यमी जो मत्स्य पालन क्षेत्र में काम कर रहे हैं
प्राथमिकता उन लाभुकों को दी जाएगी जिनके पास मछली पालन का प्रशिक्षण या अनुभव हो.
जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- जाति प्रमाण पत्र
- भूमि स्वामित्व प्रमाण या लीज एग्रीमेंट
- पैन कार्ड, GST पंजीकरण (उद्यमियों के लिए)
- पिछली 3 साल की ऑडिट रिपोर्ट व आयकर रिटर्न
इस योजना में आवेदन कैसे करें?
इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन बिहार सरकार की वेबसाइट
fisheries.bihar.gov.in पर किया जा सकता है. इस योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी के लिए राज्यादेश संख्या 1992 (दिनांक 07-05-2025) को विभागीय वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.html पर देखा जा सकता है.