अन्नदाता परंपरागत व अन्य फसलों की खेती के अलावा पशुपालन से भी देश में बढ़िया कमाई कर रहे हैं. यह आय को बढ़ाने का दूसरा विकल्प है. वहीं, सरकार भी इस बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए इन दिनों बड़ी सब्सिडी दे रही है. तो आइये, जानें मधुमक्खी पालन के लिए कितना मिल रहा है अनुदान व कैसे कर सकते हैं आवेदन.
ये सरकार दे रही है सब्सिडी
बिहार सरकार ने मधुमक्खी पालन पर बड़ी सब्सिडी देने की घोषणा की है. इस व्यापार को राज्य में बढ़ाने के इरादे से इतने बड़े अनुदान का ऐलान किया गया है. राज्य सरकार मधुमक्खी के छत्ते और उसकी पेटी पर 75 प्रतिशत तक का अनुदान दे रही है. इसका मतलब है कि अगर मधुमक्खी के छत्ते और उसकी पेटी को खरीदने पर एक लाख का खर्च आ रहा है तो सरकार अपनी तरफ से 75000 रुपये देगी. बिहार सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत ये सब्सिडी किसानों को देगी. मधुमक्खी पालन के लिए इस अनुदान का लाभ उठाने के लिए नजदीकी कृषि विभाग में जाना होगा. इसके अलावा, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी दी गई है. आवेदन करने के लिए संबंधित व्यक्ति के कुछ जरुरी दस्तावेज लगेंगे. जिसकी जानकारी किसान आधिकारिक वेबसाइट के जरिए हासिल कर सकते हैं.
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शहद के व्यापार में होती है मोटी कमाई
बता दें कि शहद के उत्पादन में भारत का स्थान सबसे ऊपर आता है. हर साल यहां लाख टन से ऊपर का शहद का प्रोडक्शन होता है. उत्पादन के बाद इन्हें दूसरे देशों में बेचा जाता है, जिससे मोटी कमाई होती है. अगर आंकड़ों की बात करें एक किलो शुद्ध शहद की कीमत बाजार में 400 रुपये के आसपास है. ऐसे में किसान कम से कम 50 टन भी शहद का उत्पादन करते हैं तो यह अंदाज लगाया जा सकता है कि इससे कितनी कमाई हो सकती है. साल में इस बिजनेस से छोटे लेवल पर भी लगभग 10 लाख रुपये से ऊपर की कमाई हो जाती है. वहीं, मधुमक्खी पालन के बिजनेस को निम्न स्तर पर शुरू करने में करीब दो-तीन लाख रुपये का खर्च आता है.
ऐसे में बिहार सरकार की ये सब्सिडी किसानों की आय बढ़ाने में काफी मदद करेगी. इससे पहले, हरियाणा सरकार ने मधुमक्खी पालन पर 85 प्रतिशत की सब्सिडी देने की घोषणा की थी. इससे पहले, इस राज्य में किसानों को इस बिजनेस के लिए केवल 40-45 प्रतिशत का अनुदान मिलता था.