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Updated on: 19 June, 2019 12:00 AM IST

राज्य सरकार ने गौवंश हित में एक बड़ा निर्णय लिया हैं. दरअसल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने 16 मई यानि शनिवार को कहा कि ‘मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत प्रदेश सरकार राज्य में 300 स्मार्ट गोशालाएं बनाने के लिए एक विदेशी कंपनी से बातचीत कर रही है. लाखन सिंह यादव ने आगे बताया कि,'हम मध्यप्रदेश में 300 स्मार्ट गोशालाएं बनाने के लिए एक विदेशी कंपनी से बातचीत कर रहे हैं. इसके लिए हम उनसे समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेंगे.'

कंपनी हर साल एमपी में 60 स्मार्ट गोशालाएं बनाएगी

लाखन सिंह यादव ने कहा कि यह विदेशी कंपनी हर साल प्रदेश में 60 स्मार्ट गोशालाएं बनाएगी और पांच साल की अवधि में 300 स्मार्ट गोशालाएं बनाई जाएंगी. उन्होंने आगे कहा कि ये स्मार्ट गोशालाएं पूरी तरह से वातानुकूलित (एसी) होंगे और इनके लिए धन जुटाने की खातिर एनआरआई से संपर्क किया जा रहा है.

1,000 गोशालाएं बनाएगी सरकार खुद भी बनाएगी

यादव ने बताया कि इसके अलावा मध्यप्रदेश सरकार भी खुद राज्य भर में 1,000 गोशालाएं बनाएगी. कांग्रेस ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने 'वचन पत्र' में वादा किया था कि यदि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार आती है तो वह राज्य में गोशालाएं बनाएंगी. इसमें एक लाख निराश्रित गोवंश की देख-रेख होगी और 40 लाख मानव दिवसों का निर्माण होगा. इसके लिए 450 करोड़ रुपये का प्रबंध किया जाएगा. पहले चरण में 100 करोड़ रुपये इस काम में खर्च होंगे. 8 से 10 पंचायतों के बीच एक गौशाला बनाई जाएगी. प्रति गाय प्रतिदिन 20 रुपये तक सब्सिडी देने की तैयारी है. पशुपालन विभाग ने इसका प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है.

कोई भी नहीं शासकीय गौशाला

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में अब तक कोई भी शासकीय गौशाला नहीं खोली गयी थी. लेकिन मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अपने चुनावी वायदे को पूरा करते हुए शासकीय गौशालाएं खोलने का निर्णय लिया है. प्रोजेक्ट गौ-शाला को तत्काल पूरा करने का भी निर्देश दिया गया है. प्रोजेक्ट गौ-शाला का नोडल 'ग्रामीण विकास विभाग' होगा. ग्राम पंचायत, स्व-सहायता समूह, राज्य गौ-संवर्धन बोर्ड से संबद्ध संस्थाएं एवं जिला समिति द्वारा चयनित संस्थाएं प्रोजेक्ट गौ-शाला का क्रियान्वयन करेंगी. बता दें, कि निजी संस्थाओं से भी इस परियोजना में भाग लेने का आग्रह किया गया है. गौ-शाला प्रोजेक्ट के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति होगी. विकासखंड स्तर की समिति में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अध्यक्ष होंगे. गौशाला में शेड, ट्यूबवेल, चारागाह विकास, बायोगैस प्लांट, नाडेप, आदि व्यवस्थाएं होंगी. फंड की व्यवस्था पंचायत, मनरेगा, एमपी-एमएलए फंड तथा अन्य कार्यक्रमों के समन्वय से होगी. और जिला समिति गौ-शालाओं के लिए जगह चुनेंगी.

English Summary: State Government will open Gaushalas under Project Gaoushala
Published on: 19 June 2019, 06:08 IST

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