Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 4 February, 2019 12:00 AM IST

फसल उत्पादन लागत में कमी, उत्पादन एवं उत्पादन की गुणवत्ता में बढ़ोतरी तथा पानी का समुचित उपयोग हो, इसके लिए सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियों(Micro Irrigation System) को अपनाना अत्यंत लाभकारी है.

क्या है सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली

सूक्ष्म सिंचाई एक उन्नत सिंचाई प्रणाली है जिसके द्वारा पौधे के जड़ क्षेत्र में विशेष रूप से निर्मित प्लास्टिक पाईपों द्वारा कम समय के अन्तराल पर पानी दिया जाता है तथा पारंपरिक सिंचाई की तुलना में 60 प्रतिशत कम जल की खपत होती है. इस प्रणाली अन्तर्गत ड्रीप सिंचाई पद्दति, स्प्रिंकलर सिंचाई पद्दति एवं रेनगन सिंचाई पद्दति उपयोग किया जाता है. जिसके अन्तर्गत जल वितरण लाइनों और साजो- समान कन्ट्रोल हेड प्रणाली एवं उर्वरक टैन्क रहते हैं. इस प्रणाली को अपनाकर यदि उर्वरक का व्यवहार इसके माध्यम से किया जाय तो इससे लगभग 25 से 30 प्रतिशत उर्वरक की बचत होती है.

उत्पादन में वृद्धि

इस सिंचाई प्रणाली से फसल की उत्पादकता में 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि तथा उत्पाद की गुणवत्ता उच्च होती है. इस सिंचाई प्रणाली से खर-पतवार के जमाव में 60 से 70 प्रतिशत की कमी होती है जिसके कारण मजदूरों के लागत खर्च में कमी तथा पौधों पर रोगो के प्रकोप में भी कमी आती है.

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना

वर्ष 2015-16 में भारत सरकार द्वारा इस सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा देने हेतु प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रारंभ की गयी है। वर्तमान में बिहार में इस सिंचाई प्रणाली लगभग कुल आच्छादित क्षेत्र का 0.5 प्रतिशत क्षेत्र में ही अपनाया जा रहा है. कृषि रोड मैप 2017-22 में इस प्रणाली को कम से कम कुल आच्छादित क्षेत्र के लगभग 2 प्रतिशत क्षेत्रों में प्रतिष्ठापित किये जाने का लक्ष्य है, ताकि बिहार के सब्जी एवं फल का उत्पादकता एवं उत्पादन में बढ़ोतरी हो.

अनुदान

इस योजना अन्तर्गत किसानों को बिहार सरकार की ओर से अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान करते हुये सभी श्रेणी के कृषकों को ड्रीप अन्तर्गत 90 प्रतिशत एवं स्प्रिंकलर के अन्तर्गत 75 प्रतिशत सहायता सब्सिडी देने का प्रावधान है.

फसलों की सिंचाई

मटर, गाजर, मूली, विभिन्न प्रकार की पत्तेदार सब्जियाँ , दलहनी फसलें , तिलहनी फसलें , अन्य कृषि फसलें, औषधीय एवं सगंध फसलों में मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर, सेमी परमानेन्ट, पोर्टेबल एवं लार्ज वैक्यूम स्प्रिंकलर (रेनगन) द्वारा सरलता से सिंचाई प्रबन्धन किया जा सकेगा.

योजना के लाभार्थी/पात्रता 

1. योजना का लाभ सभी वर्ग के कृषकों के लिए अनुमन्य है.

2.योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु इच्छुक कृषक के पास स्वयं की भूमि एवं जल स्रोत उपलब्ध हों.

3. योजना का लाभ सहकारी समिति के सदस्यों, सेल्फ हेल्प ग्रुप, इनकार्पोरेटेड कम्पनीज, पंचायती राज संस्थाओं, गैर सहकारी संस्थाओं, ट्रस्ट्स, उत्पादक कृषकों के समूह के सदस्यों को भी अनुमन्य.

पंजीकरण कैसे करायें

इच्छुक लाभार्थी किसान https://dbtagriculture.bihar.gov.in  पर अपना पंजीकरण कराकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.

विवेक राय

English Summary: State Government giving 90 percent subsidy on irrigation equipment
Published on: 04 February 2019, 03:36 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now