केरल सरकार ने गर्मी के मौसम की शुरुआत में ही यह योजना शुरू करने का निर्णय लिया है. इस योजना को शुरू करने का प्रयोजन यह है की गर्मियों के मौसम में दुग्ध उत्पादन में बहुत कमी आ जाती हैं. जिस कारण पशुपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. पशुपालकों को इसी नुकसान से बचाने के लिए केरल कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन द्वारा यह योजना शुरू करने निर्णय लिया गया है.
किन कम्पनियों की सहायता से शुरू हुई यह स्कीम
केरल कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन ने यह योजना भारतीय कृषि बीमा कम्पनी लिमिटेड के साथ मिल कर शुरू की है. इस योजना के अंतर्गत अब गर्मियों के मौसम में जिन पशुपालकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता था वह सरल कृषि बीमा योजना के शुरू होने के बाद वह इस नुकसान से बच सकते हैं.
क्यों फायदेमंद है यह योजना
केरल कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (मिल्मा) द्वारा शुरू की गयी सरल कृषि बीमा योजना पशुपालकों को नुकसान से बचाने के लिए शुरू की गयी है. इसके द्वारा यह निरधारित किया गया है की यदि तापमान लगातार 6 दिन या इससे अधिक समय तक बीमा कंपनी द्वारा निरधारित तापमान से अधिक रहता है तो बीमा कंपनी डेयरी पशुपालकों को इसके बदले में मुआवजा दिया जाएगा.
बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित मुआवजे की राशि दिनों के अनुसार अलग-अलग निर्धारित की गयी है.कंपनी के अनुसार अगर निर्धारित तापमान से अधिक तापमान लगातार 6 दिन तक रहता है तब 140 रुपये, आठ दिनों से अधिक के लिए 440 रुपये, 10 दिन से ज्यादा होने पर 900 रुपये सबसे आखिर में अगर तापमान 25 दिनों तक अधिक रहता है तो 2000 रुपये का अनुदान दिया जायेगा.
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केरल में सरल कृषि बीमा योजना अभी केवल गाय और भैंस के लिए ही चलायी गयी है. सरकार के मुताबिक अगर इस योजना में पशुपालाकों को राहत मिलती है तो सरकार इसके लिए आगे भी अन्य पशुओं को जोड़ सकती है.