भारत में मत्स्य पालन (Fish Farming) और जलीय कृषि (Aquaculture) भोजन, पोषण, रोजगार और आय के महत्वपूर्ण स्रोत हैं. यह क्षेत्र प्राथमिक स्तर पर 20 मिलियन से अधिक मछुआरों और मछली किसानों को आजीविका प्रदान करता है. इस क्षेत्र के विकास के लिए एक खास योजना संचालित कर रखी है, तो आइए आपको इस योजना की जानकारी देते हैं.
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY)
एक साल पहले, 10 सितंबर को भारत सरकार ने देश में मत्स्य पालन (Fish Farming) क्षेत्र में नीली क्रांति (Blue Revolution) लाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) शुरू की थी.
इस योजना को अब तक के सबसे अधिक निवेश के साथ शुरू किया गया था जिसमें 800 करोड़ से अधिक का निवेश किया गया था. यह योजना सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक 5 वर्षों की अवधि के लिए लागू की गई है. इस योजना का लक्ष्य वर्ष 2018-19 में 13.75 मिलियन मीट्रिक टन से 2024-25 तक मछली उत्पादन को बढ़ाकर 22 मिलियन मीट्रिक टन करना है.
मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य (Objectives of PMMSY)
इस योजना का उद्देश्य मछली उत्पादन, गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी, और प्रबंधन के साथ आधुनिकीकरण को मजबूत करना है. इसका उद्देश्य उत्पादन की क्षमता को बढ़ाना, मजबूत मत्स्य पालन प्रबंधन ढांचा और मछुआरों के कल्याण की स्थापना करना है.
मत्स्य संपदा योजना की प्रमुख उपलब्धियां (Major achievements under PMMSY)
यह वर्तमान राष्ट्रीय औसत 3 टन से जलीय कृषि उत्पादकता को 5 टन प्रति हेक्टेयर तक बढ़ाने का इरादा है और घरेलू मछली की खपत को 5 किलो से बढ़ाकर 12 किलो प्रति व्यक्ति करना है. अब तक मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने लगभग 134,733 रुपयों की मदद की है. इस योजना के तहत मछुआरों के परिवारों को आजीविका और पोषण संबंधी सहायता प्राप्त करने के लिए सुविधा प्राप्त होगी.
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मत्स्य संपदा योजना की विशेष बातें (Important Details of PMMSY)
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खास बात यह है कि मशीनीकृत मछली पकड़ने के जहाजों में 2 हजार से अधिक जैव-शौचालय बनाए गए हैं और 720 मछली किसान उत्पादक संगठनों (FFPO) के अलावा लगभग 7,238 मछली परिवहन सुविधाओं का गठन किया गया है.
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सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पहल ने रोजगार में वृद्धि की है और 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 8 लाख लोगों को लाभार्थी सहायता प्रदान की है. भविष्य में, यह योजना मूल्य श्रृंखला (Value chain) के साथ 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा कर सकती है.
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इस योजना में कम उत्पादकता, बीमारी, समुद्री मत्स्य पालन की स्थिरता, स्वच्छता और फाइटोसैनिटरी मामलों जैसे वैश्विक बेंचमार्किंग के साथ भारत के निर्यात की प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने वाले मुद्दों को संबोधित किया है.
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इस योजना की शुरुआत के बाद से निजी क्षेत्र की भागीदारी, उद्यमिता का विकास, व्यवसाय मॉडल, व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ावा देना, नवाचार और मत्स्य पालन क्षेत्र में स्टार्ट-अप, इनक्यूबेटर आदि सहित नवीन परियोजना गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया है.