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Updated on: 10 June, 2025 12:00 AM IST
छोटे और मध्यम स्तर के खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों के लिए लाभकारी योजना (Image Source: Freepik)

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना छोटे और मध्यम स्तर के खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों के लिए एक बहुत ही लाभकारी योजना है. इस योजना की शुरुआत वर्ष 2020-21 में हुई थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 मार्च 2026 तक कर दिया गया है. इसका उद्देश्य छोटे खाद्य उद्यमों को तकनीकी और आर्थिक सहायता देकर उन्हें मजबूत बनाना है, ताकि वे बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार कर सकें और अपनी आमदनी बढ़ा सकें. योजना के तहत व्यक्तिगत और समूह दोनों प्रकार के उद्यमियों को अनुदान दिया जाता है. एकल इकाई को 35% तक अधिकतम 10 लाख रुपये का अनुदान दिया जाता है.

साथ ही, एफपीओ, स्वयं सहायता समूह और को-ऑपरेटिव सोसाइटी को कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 3 करोड़ रुपये तक की सहायता दी जाती है. यह योजना खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए रोजगार का एक सशक्त माध्यम बन रही है.

क्या है इस योजना में खास?

  • एकल इकाई (Individual Unit) को खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने या विस्तार हेतु 35% तक का अनुदान, अधिकतम 10 लाख रुपए तक मिलेगा.
  • अनुदान की राशि संबंधित बैंक शाखा में ट्रांसफर की जाती है और 3 वर्ष बाद ऋण खाते में समायोजित की जाती है.
  • FPO, SHG, NGO, प्राइवेट कंपनियों को भी मिलेगा लाभ.
  • क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी के आधार पर मिलता है यह अनुदान.
  • आवेदन के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष, शैक्षणिक योग्यता आवश्यक नहीं.

कैसे करें आवेदन?

  • आवेदन केवल PMFME पोर्टल पर ऑनलाइन किया जा सकता है.
  • आवेदन की प्रक्रिया में डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन (DRP) मदद करते हैं.
  • परियोजना की सिफारिश जिला स्तरीय समिति करती है, इसके बाद बैंक लोन की स्वीकृति दी जाती है.
  • तीन वर्षों तक लोन खाता स्टैंडर्ड रहने पर सब्सिडी समायोजित कर दी जाती है.

DRP को भी मिलेगा मानदेय

  • DRP को प्रत्येक आवेदन पर 20,000 रुपए का मानदेय दिया जाएगा:
  • 10,000 रुपए बैंक से लोन स्वीकृति के बाद
  • 10,000 रुपए यूनिट चालू होने पर
  • राजस्थान में 8 इन्क्यूबेशन सेंटर
  • राजस्थान राज्य में योजना के तहत 8 इन्क्यूबेशन सेंटर कार्यरत हैं.
  • यहां किसान व उद्यमी अपने कच्चे माल का प्रसंस्करण करवा सकते हैं.
  • 6 केंद्रों में मशीनरी स्थापित, 2 में कार्य प्रक्रियाधीन.

समूहों के लिए विशेष प्रावधान

  • FPO, SHG, को-ऑपरेटिव जैसे समूहों के लिए कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर 35% की दर से 3 करोड़ रुपए तक का अनुदान.
  • ब्रांडिंग व मार्केटिंग पर भी मिलेगा 50% तक का अनुदान.

नोट:  इस योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप विभग द्वारा जारी की गई अधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें, जहां से आप सरलता से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

English Summary: PM Micro Food Scheme Apply Date has been extended PM benefits available till 31 March 2026 news Update
Published on: 10 June 2025, 04:19 IST

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