किसानों की आजीविका मुख्य रूप से खेती बाड़ी एवं पशुपालन पर निर्भर है लेकिन समय के साथ बढ़ती हुई महंगाई पशुपालन (Animal Husbandry) करने वाले किसानों के लिए अब एक चुनौती बनता जा रहा है, जिससे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही उनकी आर्थिक स्तिथि भी काफी प्रभावित होती जा रही है.
किसानों की इस समस्या के मद्देनजर सरकार कई तरह की योजनाओं को संचालित कर रही है. इन्ही में से एक पशुधन बीमा योजना (Pashudhan Bima yojana) भी है. जिसमें सरकार पशुओं की मौत से होने वाले नुकसान की भरपाई कर पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है.
पशुधन योजना में बीमा करने की प्रक्रिया (Procedure to Insure in Livestock Scheme)
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पशुओं का बीमा करवाने के लिए सबसे पहले पशुपालकों को अपने जिले के आस पास के पशु चिकित्शालय में बीमा करवाने की पूरी जानकारी लेनी होगी.
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जिसके बाद वहां पशुओं का स्वस्थ्य जाँच किया जायेगा.
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इसके बाद पशुओं के स्वस्थ्य होने पर हेल्थ सर्टिफिकेट (health certificate) दिया जायेगा.
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बीमा की प्रक्रिया के दौरान पशुओं के कान में एक टैग लगा दिया जाता है. इसके बाद पशुपालकों को पशुओं की बीमा पॉलिसी जारी किया जाता है.
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आप चाहें तो इसमें ऑनलाइन (Online) माध्यम से भी बीमा करवा सकते हैं, जिसके लिए आप जिस राज्य में रहते हैं उस राज्य के ही पशुधन बीमा योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन माध्यम से बीमा करवा सकते हैं.
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इसके बाद आपको सभी महत्वपूर्ण जानकरियां भरनी होगी.
पशुधन बीमा योजना के लाभ एवं विशेषताएं (Benefits and Features of Livestock Insurance Scheme)
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पशुपालकों को पशुओं की मृत्यु होने पर नुकसान नहीं होता है.
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इस योजना के अंतर्गत पशुपालकों को बीमा कवर की सुविधा प्रदान की जाती है.
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इस योजना से पशुपालक सभी पशुओं का बीमा करवा सकते हैं.
अलग – अलग राज्य में प्रीमियम राशि (Premium Amount in Different States)
इस योजना के अंतर्गत अलग – अलग राज्यों में पशुओं का अलग – अलग प्रीमियम बीमा भरने की प्रक्रिया है. जैसे- उत्तर प्रदेश में गाय या भैंस के 50,000 बीमा कवरेज के लिए प्रीमियम राशि (Premium Amount) पशुओं की नस्ल के आधार पर 400 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक है.
पशुपालन में सरकार सभी पशुपालकों को सहायता प्रदान कर रही है , तो ऐसे में सभी किसान भाई इस योजना का लाभ उठा कर अपने पशुपालन को व्यापक रूप में चलायें.
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