मोदी सरकार आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसमें आम जनता भी अपना भरपूर योगदान दे रही है. इसी कड़ी में देश खाद्यान्न उत्पादन में भी आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है.
ऐसे में खाद्यान्न उत्पादन में और तेजी लाई जा सके इसके लिए सरकार ने किसानों के हित के लिए एक बड़ा फैसला लिया है.
सरकार देगी 50 फीसदी तक की वित्तीय सहायता(Government will give financial assistance of up to 50 percent)
दरअसल, केंद्र सरकार किसानों (Farmers) को कोल्ड स्टोरेज की स्थापना करने के लिए 50 फिसदी तक की वित्तीय मदद देने जा रही है. क्योंकि कई बार उचित भंडारण नहीं होने की वजह से उत्पादित अनाज खराब होने लगता है. ऐसे में किसानों को कोल्ड स्टोरेज (Cold Storages) की ज्यादा जरूरत पड़ती है. ऐसे में सरकार के इस फैसले के बाद कोई भी किसान खेती के साथ ही कोल्ड स्टोरेज की स्थापना भी कर सकता है. बीते दिनों केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने राज्यसभा में कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने के लिए सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजना की जानकारी दी है.
इस दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि कृषि व किसान कल्याण विभाग बागवानी के एकीकृत विकास मिशन (MIDH) को लेकर काम कर रहा है. इसके माध्यम से कोल्ड स्टोरेज की स्थापना समेत विभिन्न बागवानी के कामों के लिए वित्तीय मदद दी जाती है.
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केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक, MIDH के तहत कोल्ड स्टोरेज की स्थापना के लिए लोन नहीं दिया जाता है. सरकार लोन की जगह कोल्ड स्टोरेज की स्थापना के लिए सरकारी सहायता क्रेडिट लिंक्ड बैक एंडेड सब्सिडी देती है.
सामान्य क्षेत्रों में परियोजना लागत के 35 फीसदी की दर से सब्सिडी दी जाती है जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में परियोजना लागत के 50 फीसदी की दर से सब्सिडी दी जाती है.पूर्वोत्तर इलाकों में एक हजार मीट्रिक टन से ज्यादा क्षमता वाली इकाइयों को भी इसका फायदा मिलता है. ऐसे में सरकार द्वारा मिल रहे इस फायदे के बाद कोल्ड स्टोरेज की स्थापना करना किसानों के लिए फायदे का सौदा होगा.