Mukhyamantri Krishi Vidyut Yojana: बिहार सरकार ने किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना की शुरुआत की है. इस योजना का उद्देश्य हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाना है, जिससे किसानों को खेती में अधिक उत्पादन और कम मेहनत का लाभ मिल सके. इस योजना के तहत, किसानों को डीजल पंपसेट के स्थान पर कृषि विद्युत कनेक्शन/Agricultural Electricity Connection मुफ्त में प्रदान किए जा रहे हैं.
बता दें कि पहले बिहार के किसान अपनी सिंचाई के लिए डीजल पंपसेट का इस्तेमाल करते थे, जिससे उनकी खेती में लागत काफी बढ़ जाती थी. डीजल के महंगे दाम और पंपसेट्स की कम क्षमता के कारण सिंचाई करना कठिन और महंगा हो जाता था. लेकिन मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना ने इस समस्या का समाधान किया है. अब किसानों को मुफ्त में कृषि विद्युत कनेक्शन मिल रहा है, जो डीजल से कहीं सस्ता और अधिक प्रभावी है.
मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना का लक्ष्य और उपलब्धियां
बिहार में कुल 7.20 लाख डीजल पंपसेट हैं, जिनमें से 3.60 लाख पंपसेटों को पहले ही विद्युत कनेक्शन मिल चुका है. ऊर्जा विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले सालों में कुल 4.80 लाख पंपसेटों को विद्युत कनेक्शन दिया जाए. साल 2024-25 में 1.50 लाख पंपसेटों को कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था, जो दिसंबर 2024 तक पूरा किया जा चुका है. इसके बाद आने वाले वर्षों में भी बाकी के लक्ष्यों को पूरा किया जाएगा, जिससे किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के फायदे और खासियतें
- कम डीजल खपत: इस योजना के तहत, किसानों को बिजली से सिंचाई करने का अवसर मिल रहा है, जिससे डीजल की तुलना में 10 गुना सस्ती सिंचाई संभव हो रही है. इससे किसानों की लागत में कमी आएगी और उनकी आय में वृद्धि होगी.
- उच्च ईंधन दक्षता: कृषि विद्युत कनेक्शन से संचालित पंपसेट्स अधिक ईंधन दक्ष होते हैं, जिससे किसानों को ज्यादा काम कम खर्च में मिलता है.
- आसान प्रक्रिया: इस कनेक्शन के लिए किसानों को कोई शुल्क नहीं देना पड़ता. आवेदन की प्रक्रिया सरल है और किसान किसान सुविधा ऐप, बिजली वितरण कंपनी के पोर्टल या स्थानीय विद्युत कार्यालय से आवेदन कर सकते हैं.
- बिना बार-बार सर्विस की आवश्यकता: इस योजना के अंतर्गत, किसान हर 400 घंटे में ट्रैक्टर और पंपसेट की सर्विस करवा सकते हैं, जिससे बार-बार सर्विस की जरूरत नहीं होती और समय तथा पैसे की बचत होती है.
मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना का लक्ष्य
मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना/Mukhyamantri Krishi Vidyut Yojana का मुख्य लक्ष्य 2025-26 में 1.50 लाख पंपसेटों को विद्युत कनेक्शन देने है. राज्य सरकार की इस सरकारी स्कीम से सितंबर 2026 तक 1.80 लाख पंपसेटों को कनेक्शन की सुविधा प्राप्त होगी. इस योजना को लेकर बिहार सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे इस योजना का लाभ उठाएं और कृषि विद्युत कनेक्शन के लिए जल्द से जल्द आवेदन करें. इससे न केवल खेती का खर्च कम होगा, बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा होगी, क्योंकि डीजल पंपसेट की तुलना में बिजली से चलने वाले पंपसेट्स अधिक पर्यावरण फ्रेंडली होते हैं. किसान इस योजना के जरिए अपनी खेती में नए तकनीकी बदलाव ला सकते हैं और अपने जीवन में सुधार कर सकते हैं.
कृषि विद्युत कनेक्शन के लिए आवेदन की प्रक्रिया/Application process for Agricultural Electricity Connection
1. आवेदन पोर्टल: किसान किसान सुविधा ऐप, बिजली वितरण कंपनी के पोर्टल, या स्थानीय विद्युत कार्यालय के माध्यम से इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं.
2. आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
आवेदन करने के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी...
- आधार कार्ड (पहचान प्रमाण के रूप में)
- भूमि से संबंधित दस्तावेज (खेत की सटीक जानकारी के लिए)
- पंपसेट के स्थान का सही पता (आवेदन में यह जानकारी अनिवार्य है)
3. आवेदन में मदद: यदि किसान आवेदन करते समय किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो वे स्थानीय विद्युत कार्यालय से सहायता प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा, बिजली वितरण कंपनी की हेल्पलाइन या पोर्टल से भी सहायता ली जा सकती है.
4. ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले, किसान सुविधा ऐप या बिजली वितरण कंपनी के पोर्टल पर जाएं.
- वहां, "मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना" के तहत आवेदन करने का विकल्प चुनें.
- अपनी जानकारी भरें और सभी आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें.
- आवेदन जमा करने के बाद आपको एक आवेदन संख्या प्राप्त होगी, जिसका उपयोग आप आवेदन की स्थिति जानने के लिए कर सकते हैं.
5. पैनल जांच और कनेक्शन: आवेदन प्राप्त होने के बाद, बिजली विभाग द्वारा पंपसेट के स्थान की जांच की जाएगी. यदि सभी दस्तावेज़ और जानकारी सही पाई जाती है, तो किसानों को कृषि विद्युत कनेक्शन प्रदान किया जाएगा.
6. कनेक्शन की स्थापना: एक बार आवेदन मंजूर होने के बाद, किसानों को जल्द से जल्द कृषि विद्युत कनेक्शन प्रदान किया जाएगा. इसके बाद, वे अपने खेतों में सिंचाई के लिए बिजली का उपयोग कर सकते हैं.