केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि कृषि उन्नति को आधार बनाने के लिए सरकार ने कृषि शिक्षा के उत्थान पर काफी ज्यादा जोर दिया है और इससे संबंधित डिग्रियों को व्यावासायिक रूप में मान्यता भी प्रदान की है। कृषि मंत्री ने सोमवार को पूसा में दो दिवसीय एग्रीविजन 2019 के चौथे सम्मेलन संस्करण के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए ये सभी बातें कही है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार की पहल के चलते कृषि क्षेत्र और कृषि शिक्षा क्षेत्र में कई सकारात्मक परिवर्तन आए है। उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा को उपयोगी बनाने के लिए पांचवी डीन समिति की सिफारिशों को सभी कृषि विश्वविद्यालयों में लागू कर दिया गया है।
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चल रही हैं कईं कृषि शिक्षा परियोजना
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि संबंधित सभी पाठ्यक्रमों को संशोधित कर इसमें जैव प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, रिमोट सेंसिंग, जैविक खेती, कृषि व्यापार प्रबंधन आदि विषयों को सम्मिलित किया गया है। सभी में उद्यमिता और कौशल प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही चार नये पाठ्यक्रमों - बी टेक ( जैव प्रौद्योगिकी), बी एस सी ( समुदायिक विज्ञान), बी एस सी (फूड न्यूट्रीशियन) और बी एस सी सीरीक्लचर जैसे कार्यक्रमों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि 1100 करोड़ रूपये की कुल निधि के साथ प्रतिभा को आकर्षित करने और कृषि की उच्च शिक्षा को सुदृढ़ बनाने हेतु राष्ट्रीय कृषि उच्चतर उच्च शिक्षा परियोजना को शुरू किया गया है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि शिक्षा बढ़ाने हेतु 'स्टूडेंट रेडी' योजना को चलाया जा रहा है। साथ ही कृषि शिक्षा में प्रतिभावान छात्रों को आकर्षित करने हेतु जूनियर अनुसंधान छात्रवृत्ति, सीनियर अनुसंधान छात्रवृत्ति और राष्ट्रीय प्रतिभा छात्रवृत्ति को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है।
पशु शिक्षा पर अधिक जोर
कृषि मंत्री ने कार्यक्रम में कहा है कि स्नातक पशु चिकित्सा के मौजूदा पाठ्यक्रम को विश्वस्तरीय बनाने हेतु कई तरह के संशोधन किए गए है। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षित पशु चिकित्सा जनशाक्ति की कमी को पूरा करने के लिए पशु महाविद्यालयों की संख्या 36 से बढ़कर 46 तक पहुंच गई है। इसके साथ ही कृषि के क्षेत्र में कौशल विकास कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और कौशल एवं उद्यमिता विकास मंत्रालय के बीच भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए है। इसके साथ ही इसमें कृषि संबंधी विषयों पर भी चर्चा की गई और उससे संबंधित जानकारी प्रदान की गई है।
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कई विद्यालयों के छात्र हुए सम्मेलित
दो दिवसीय इस एग्रीविजन कार्यक्रम में कई राज्य जैसे पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश अदि से कई किसान और कृषि महाविद्यालयों से छात्र आए। उन्होंने इस सम्मेलन में अपनी भागीदारी को काफी मजबूत किया. सभी विद्यार्थियों ने अपने विचारों को साझा कर आपस में कृषि मामलों पर चर्चा कर विभिन्न सत्रों में भाग भी लिया।