देश की खाद्य समस्या को हल करने के लिए वैज्ञानिक विधि से खेती करना बहुत जरुरी है. इस विधि से खेती करने पर एक ही खेत में एक वर्ष में कई फसलें उगाई जा सकती हैं. इसके लिए किसानों को उन्नत बीज, रसायन खाद, कीटनाशक दवा तथा पानी की समुचित व्यवस्था के साथ-साथ समय पर कृषि कार्य जुताई, बुवाई, सिंचाई, कटाई, मड़ाई एवं भंडारण आदि करने के लिए आधुनिक कृषि यंत्र भी बहुत जरुरी हैं. लेकिन इन कृषि यंत्रों को अनुदान पर खरीदने के लिए किसानों को बैंकों और सरकारी कार्यालयों के काफ़ी चक्कर लगाने पड़ते है पर अब किसानों को अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा.
दरअसल 'कृषि विभाग' किसानों को अब घर बैठे कृषि यंत्र पर 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करा रहा है. मध्यप्रदेश के 'कराहल' ब्लॉक में प्रत्येक 'ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी' के क्षेत्र में 'कृषि विभाग' ने एक गांव को चयनित किया है. चयनित गांव के सभी किसानों को 'कृषि विभाग' ने गेहूं का प्रमाणित बीज, कुट्टी काटने की मशीन तथा स्प्रे पंप उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है. इसके अलावा किसान इन मशीनों पर मिलने वाले अनुदान का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं.
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कृषि विभाग के एसडीओ एसके शर्मा के मुताबिक, किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए शासन द्वारा निर्धारित अनुदान नकद राशि के रूप में मिलेगा. इसके लिए कृषि विभाग ने एक नई पहल करते हुए किसानों को अनुदान की राशि चेक से देने के बजाय नगद देने का निर्णय लिया है. उन्होंने आगे बताया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए कोई भी किसान लोकसेवा केंद्र, एमपी एग्रो व अन्य किसी भी कम्प्यूटर से इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं. इस योजना के जरिए किसान जरूरत के अनुसार कोई भी कृषि यंत्र खरीदने के लिए अनुदान प्राप्त कर सकते हैं.
अलग-अलग सब्सिडी दर
उन्होंने आगे बताया ऑनलाइन पंजीयन के जरिए अनुदान पर कृषि यंत्र खरीदने का लाभ सभी किसान उठा सकते हैं. लेकिन इस योजना में अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लिए अलग से सुविधा है. उन्हें सामान्य वर्ग से अधिक राशि का अनुदान कृषि यंत्र खरीदने के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए उन्हें पंजीयन के समय जाति प्रमाण-पत्र व अन्य दस्तावेज पेश करने होंगे.
विवेक राय, कृषि जागरण