देशभर में किसानों की फसलों की सुरक्षा को बढ़ावा देने और किसानों तक फसल बीमा का अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के लिए 16000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
दरअसल, पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए लगभग 305 करोड़ रुपये की बजटीय वृद्धि की गई है.प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बुवाई चक्र के पूर्व से लेकर फसल की कटाई के बाद तक के लिए सुरक्षा प्रदान करती है, जिसमें सुरक्षित की गई बुवाई और फसल सत्र के मध्य में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान के लिए सुरक्षा भी प्रदान करना शामिल है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme)
गौरतलब है कि 5 वर्ष पहले, 13 जनवरी 2016 को, भारत सरकार ने इस प्रमुख फसल बीमा योजना को मंजूरी दी थी. किसानों के लिए देशभर में सबसे कम और एक समान प्रीमियम पर एक व्यापक जोखिम समाधान प्रदान करने के लिए एक ऐतिहासिक पहल के रूप में इस योजना की कल्पना की गई थी. वर्तमान समय में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है और प्रीमियम के मामले में तीसरी सबसे बड़ी योजना है.
फसल बीमा योजना को किसानों के लिए बनाया गया स्वैच्छिक (Crop insurance scheme made voluntary for farmers)
पिछले 5 वर्षों में, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने संरचनात्मक, तार्किक और अन्य चुनौतियों का सामना करते हुए प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) योजना को फिर से शुरू करने की दिशा में बड़े पैमाने पर काम किया है.
इस योजना को 2020 में इसके सुधार के बाद किसानों के लिए स्वैच्छिक बनाया गया था.
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