फसलोत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि के साथ किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार समय-समय पर विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी प्रदान करती रहती है. इसी कड़ी में बिहार सरकार रबी फसल की खेती कर रहे किसानों की लागत में कमी लाने के लिए डीजल पर सब्सिडी दे रही है. यह योजना 7 मार्च तक ही था लेकिन किसान अब डीजल पर सब्सिडी के लिए 15 मार्च तक आवेदन कर सकते हैं. बीते दिनों बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि 'डीजल पंपसेट से सिंचाई करने वाले किसानों के लिए आवेदन की तिथि 7 मार्च से बढ़ा कर 15 मार्च किया गया है.'
कृषि मंत्री ने बताया कि 'रबी मौसम में गेहूं के लिए 4 सिंचाई, मक्का के 3 सिंचाई और रबी फसलों तथा दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधे की 2 सिंचाई करने के लिए डीजल पर सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है. यह सब्सिडी सभी तरह के किसानों को मिलेगा. सब्सिडी गेहूं, मक्का, दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधों की सिंचाई के लिए 1 एकड़ क्षेत्र में एक सिंचाई के लिए 10 लीटर 50 रुपए प्रति लीटर से 500 रुपए दिए जाएंगे. उन्होंने आगे बताया कि किसानों से डीजल अनुदान के लिए ऑनलाईन आवेदन लिया जा रहा है. अभी तक राज्य के 1726581 किसान भाई -बहनों ने रबी मौसम में डीजल अनुदान लेने के लिए आवेदन किया है.
डीजल अनुदान हेतु दिशा-निर्देश
किसान आवेदन में अपना नाम और अपने पिता/पति का नाम आधार में अंकित नाम के अनुसार ही डालें.
किसान आवेदन में आधार से जुड़े बैंक विवरण ही डालें अन्यथा डीजल अनुदान की राशि अंतरित नहीं की जाएगी.
आवेदन में कृषक को तीन प्रकार (स्वयं, बटाईदार, स्वयं+बटाईदार) से बांटा गया है. किसान किसी एक प्रकार के लिए ही आवेदन कर सकेंगे.
“स्वयं” की स्थिति में किसान थाना नंबर, खाता नंबर, खेसरा नंबर, कुल सिंचित रकवा और अगल-बगल के किसानों के दो नाम प्रविष्टि करेंगे तथा डीजल पावती अपलोड करेंगे.
“बटाईदार” की स्थिति में किसान खेसरा नंबर, कुल सिंचित रकवा और अगल-बगल के किसानों के दो नाम और उनके द्वारा सत्यापित दस्तावेज तथा डीजल पावती अपलोड करेंगे.
“स्वयं+बटाईदार” की स्थिति में किसान “स्वयं” के लिए थाना नंबर, खाता नंबर, खेसरा नंबर, कुल सिंचित रकवा, अगल-बगल के किसानों के दो नाम और बटाईदार के लिए खेसरा नंबर, कुल सिंचित रकवा, अगल-बगल के किसानों के दो नाम और साथ ही साथ उनके द्वारा सत्यापित दस्तावेज तथा डीजल पावती अपलोड करेंगे.
किसान द्वारा दिये गए कुल सिंचित रकवा के अनुसार ही कुल अनुदान राशि का निर्धारण होगा जिसे आवेदन के समय ही डिस्प्ले किया जाएगा.
अनिवार्य जानकारी देने के उपरांत किसान आवेदन मे नीचे दिये गए शपथ पत्र का चयन करेंगे और नेक्स्ट बटन पर क्लिक करेंगे। किसान के सामने एक नया जाँच पेज खुलेगा. यदि किसान ने अनिवार्य दस्तावेज अपलोड किया है तो जाँच पेज पर उपलब्ध बटन हरे रंग में दिखाई देगा और किसान जाँच की पुष्टि कर“अंतिम सबमिट” बटन पर क्लिक करेंगे अन्यथा जाँच बटन काले रंग में दिखाई देगा जो यह संकेत देगा कि अनिवार्य दस्तावेज अपलोड नहीं किया गया है और आवेदन पूर्ण नहीं है. 'अंतिम सबमिट बटन' पर क्लिक करते ही किसान को एसएमएस के माध्यम से मोबाइल पर आवेदन संख्या प्राप्त होगी और साथ ही साथ आवेदन स्वतः संबंधित कृषि समन्वयक को सत्यापन के लिए ऑनलाइन भेज दिया जाएगा.
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