दिवाली से पहले ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार सरकार दिवाली में किसानों को बोनस देने जा रही है. किसानों की आर्थिक स्थिति को मद्दे नजर रखते हुए सरकार कई बार ऐसे कदम उठाती आई है, जिससे किसानों की मदद हो सके. लेकिन इस बार किसानों के साथ इसका विपरीत हुआ.
दिवाली से पहले ये अनुमान लगाया जा रहा था कि पीएम किसान योजना के तहत मिलने वाली किस्त डबल हो सकती है, लेकिन किसान संगठनों की मांग को खारिज करते हुए केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि पीएम किसान योजना (PM Kisan Scheme) के तहत सालाना मिलने वाली राशि में वृद्धि नहीं होगी. फिलहाल अभी सालाना 6000 रुपये ही मिलेंगे. दसवीं किस्त आने से पहले सरकार ने कहा उन अटकलों पर विराम लगा दिया है. जिनमें कुछ लोग यह उम्मीद कर रहे थे कि पांच राज्यों में चुनाव और किसानों की नाराजगी को देखते हुए सरकार इस स्कीम की रकम में बढ़ोत्तरी कर सकती है.
चुनाव से पहले अक्सर ये देखा गया है कि वोट बैंक की राजनिति में सरकारें ऐसे फैसले लेती है. लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं देखने को नहीं मिला है. आपको बता दें कि साल 2022 में उत्तर प्रदेश, पंजाब हरियाणा जैसे किसान समृद्ध राज्यों में चुनाव होने जा रहा है. ऐसे में किसान की नाराजगी राजनितिक दलों को भारी पड़ सकती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2018 में किसानों को डायरेक्ट सहायता देने के लिए पीएम किसान योजना की शुरुआत की थी. इससे पहले कभी किसानों को किसी भी सरकार से सीधे नगद मदद नहीं मिली थी. तब से अब तक 9 किस्त में 11.37 करोड़ किसानों को इस स्कीम के तहत 1.58 लाख करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं. किसान संगठन इसमें वृद्धि करके 24 हजार रुपये करने की मांग कर रहे थे.
किसको मिलेगा योजना का लाभ
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने यह भी साफ़ कर दिया है कि भूमिहीन खेतिहर मजदूरों और बटाईदारों को इस योजना में शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. इस योजना का लाभ भूमिधारक किसानों (Farmers) को ही मिलेगा. यानि जिस किसानों के पास खेती-बाड़ी करने योग्य ज़मीन है, उसे ही इस योजना का फ़ायदा मिलेगा. उस पर भी शर्त यह है कि राज्य सरकार उसे किसान मानकर वेरिफाई करे, क्योंकि राजस्व राज्य का विषय है.
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किसानों को मिल सकता है तोहफा
बढ़ती महंगाई को देखते हुए काफी समय से कुछ किसान संगठन और कृषि विशेषज्ञ इस योजना की राशि में वृद्धि करने की मांग उठाते रहे हैं. इसका पैसा न तो कोई नेता खा पा रहा है और न ही कोई अधिकारी. कुछ कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी ही राशि मिलाकर राज्यों को भी देनी चाहिए. चर्चा यह भी है कि उत्तर प्रदेश सरकार ऐसा ही कदम चुनाव में किसानों को रिझाने के लिए उठा सकती है. मध्य प्रदेश सरकार इसी स्कीम की तर्ज पर अपने किसानों को सालाना दो किस्तों में 4000 रुपये दे रही है.
इन लोगों ने दिया है राशि बढ़ाने का सुझाव
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एसबीआई के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष इसे 6000 रुपये से बढ़ाकर 8000 रुपये करने की सलाह दे चुके हैं.
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स्वामीनाथन फाउंडेशन पीएम किसान स्कीम रकम को 15,000 रुपये सालाना करने का सुझाव दे चुका है.
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राष्ट्रीय किसान प्रोग्रेसिव एसोसिएशन (RKPA) के अध्यक्ष विनोद आनंद इसे 6000 से बढ़ाकर 24,000 रुपये करने की मांग कर चुके हैं.
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किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह इसे हर माह 2000 रुपये करने की मांग की है. उनका यह भी मानना है कि विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश सरकार अपनी तरफ से 4000 से 6000 रुपये दे सकती है.